समारोह के आखिरी दिन के मुशायरा मंच पर रचनापाठ करनेवालों में शामिल हैं सुश्री मोहसिना जिलानी, सोहन राही, चमनलाल चमन और दिव्या माथुर। बीते दिन का कार्यक्रम 'राष्ट्रनिर्माता मौलाना आजाद' विषयक वार्ता, शाम-ए-गज़ल, को समर्पित रहा।
डॉ. अब्दुस्सत्तार एम आई दलवी की अध्यक्षता वाले संवाद में मशहूर स्कालर और करीब २० किताबों की लेखिका प्रो. सईदा सईदैन हमीद, जो तीन खंडों में मौलाना अबुल कलाम आजाद नामक किताब लिख चुकी हैं और उनपर अथारिटी मानी जाती हैं, ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानी मौलाना आजाद के व्यक्तित्व एवं कार्य पर गंभीरता से अपनी बात रखी।
शाम-ए-गज़ल की गायिका थीं स्वाती नाटेकर, उनका साथ दिया मोहम्मद कासम (की-बोर्ड) और अमरदीप सरल (तबला) ने। इस मौके पर आजाद के जीवन के अमूल्य क्षणों को संजोती एक प्रदर्शनी भी लगायी गई है, जो २५ नवंबर तक कार्यालय समय के बीच खुली रहेगी।