पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने सैन्य अदालतों द्वारा दोषी करार दिए गए 14 खूंखार आतंकवादियों को सुनाई गई सजा-ए-मौत की पुष्टि कर दी। यह आतंकवादी प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से ताल्लुक रखते हैं।
शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने एक बयान में कहा कि सैन्य अदालत द्वारा आठ अन्य को जेल भेजा गया। ये आतंकवादी सशस्त्र सेना और प्रवर्तन एजेंसियों पर हमला करने के अलावा, निर्दोष लोगों को मारने, पाकिस्तानी संस्थानों और पाकिस्तान टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (पीटीडीसी) होटल को क्षतिग्रस्त करने के जिम्मेदार हैं।
22 लोगों की हत्या के दोषी हैं
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई के बयान के हवाले से कहा कि उन्होंने 22 लोगों की हत्या कर दी, जिसमें तीन नागरिक और 19 सुरक्षाबल के जवान शामिल हैं। इसके साथ ही इन घटनाओं में 23 लोग घायल हुए थे। इन आतंकवादियों पर विशेष सैन्य अदालत में मुकदमा चला जहां इन्होंने अपना अपराध कबूला लिया।
2014 में किया था सैन्य अदालतों का गठन
दिसंबर, 2014 में पेशावर के एक स्कूल में 150 बच्चों की हत्या किए जाने के बाद पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई तेजी से करने के लिए सैन्य अदालतों का गठन किया गया था। पाकिस्तान में सेना की सुनवाई सार्वजनिक तौर पर नहीं होती है लेकिन उन्हें अपने बचाव के लिए अपने वकील रखने का अधिकार दिया जाता है।