श्रीलंका के बर्खास्त प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे रविवार को फिर प्रधानमंत्री के रूप में पदस्थापित हो गए। उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। सुप्रीम के फैसले के बाद राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।
विक्रमसिंघे के शपथ लेने के साथ ही देश में काफी दिनों से बने राजनीतिक संकट फिलहाल समाप्त हो गया है। सिरिसेना ने गत 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था और इसके एक दिन बाद महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था। इसके बाद से श्रीलंका में सियासी संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा था।
उधर राजपक्षे संसद में अपना बहुमत सिद्ध करने में विफल रहे थे। इस दौरान ना केवल देश में कोई सरकार नहीं थी, बल्कि व्यवस्था भी चरमराने लगी थी। कर्ज अदायगी के मामले में भी देश की साख खराब होने लगी थी।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति सिरिसेना ने विक्रमसिंघे को फिर से प्रधानमंत्री नहीं बनाने की कसम खाई थी। पिछले दिनों अपने कुछ भाषणों में भी उन्होंने विक्रमसिंघे की निंदा भी की थी। दोनों के बीच संबंध ठीक नहीं होने की पुष्टि इस बात से भी होती है कि राष्ट्रपति ने पत्रकारों को शपथ ग्रहण समारोह में आने की इजाजत नहीं दी थी।
इस बीच श्रीलंका सत्ताधारी पार्टी यूनाईटेड नेशनल पार्टी ने ट्वीट कर सरकार के अवैध रूप से बंधक बनाने के खिलाफ लड़ने और लोकतंत्र को फिर से बहाल कराने के लिए धन्यवाद दिया है।