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तालिबान ने एक बार फिर का किया पंजशीर पर कब्जे का दावा, जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा- युद्ध समाप्त, नहीं होगा किसी तरह का भेदभाव

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सोमवार को एक बार फिर पंजशीर में कब्जे का दावा किया है। काबुल...
तालिबान ने एक बार फिर का किया पंजशीर पर कब्जे का दावा,  जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा- युद्ध समाप्त, नहीं होगा किसी तरह का भेदभाव

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सोमवार को एक बार फिर पंजशीर में कब्जे का दावा किया है। काबुल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि युद्ध समाप्त हो गया है। उन्हें एक स्थिर अफगानिस्तान की उम्मीद है और जो कोई भी हथियार उठाता है वह लोगों और देश का दुश्मन है।

प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा है कि हमने पंजशीर में अपने दुश्मनों को ढेर कर दिया है और पंजशीर हमारे  कब्जे में है। उन्होंने कहा कि पंजशीर के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा। उन्होंने हमने चाहा था कि यह मुद्दा बातचीत के जरिए सुलझे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद हमारे सुरक्षा बलों ने हमला किया और कब्जा किया गया।

इससे पहले तालिबान प्रवक्ता मुजाहिद ने कब्जे का दावा किया था जिसे एनआरएफ ने खारिज कर दिया था। इस बीच नॉर्दन अलायंस के लीडर अहमद मसूद ने ट्वीट कहा है कि वे सुरक्षित हैं और चिंता करने की कोई बात नहीं है।

पंजशीर की लड़ाई में विद्रोही नेता अहमद मसूद के कई कमांडर भी मारे गए हैं जिसमें एनआरएफ के प्रवक्ता फहीम दश्ती और टॉप कमांडर सालेह मोहम्मद रेगिस्तानी भी शामिल हैं। रेगिस्तानी अहमद शाह मसूद सीनियर के करीबी थे और उन्हें गोरिल्ला लड़ाई का माहिर माना जाता था। साथ ही रेसिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दश्ती और अहमद शाह मसूद के भतीजे जनरल अब्दुल वुदूद भी शहीद हो गए। फहीम दश्ती की मौत रेसिस्टेंट फ्रंट के लिए बड़ा झटका है क्योंकि प्रवक्ता होने के साथ साथ वो अहमद मसूद के काफी करीबी थे। अहमद मसूद और उसके पिता अहमद शाह मसूद के बेहद करीबी रहे फहीद दश्ती की मौत के बाद पंजशीर में एक तरफ शांति की आवाज उठ रही है तो कुछ ऐसे नेता भी हैं जो खून के बदले की बात कर रहे हैं।

इस बीच मसूद के ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में पाकिस्‍तान पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मसूद ने कहा कि तालिबान हमारे साथ जंग नहीं लड़ रहा है बल्कि यह पाकिस्‍तानी सेना और आईएसआई है जो उनका नेतृत्‍व कर रही है। तालिबान इतना मजबूत नहीं हैं कि वे हमारा मुकाबला कर सकें लेकिन पाकिस्‍तानी सेना उनके साथ सहयोग कर रही है।

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