पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव से पहले अमेरिका ने हाफिज सईद को झटका दे दिया है। एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अमेरिका ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद की राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया है।
अमेरिका ने एमएलएम के सात अन्य सदस्यों को भी विदेशी आतंकवादी के रूप में नामित किया है। इसके अलावा अमेरिका ने आतंकवादी संगठनों की सूची में तहरीक-ए-आज़ादी-ए-कश्मीर (टीएजेके) को भी शामिल किया। टीएजेके को लश्कर-ए-तैयबा की पार्टी है।
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि तहरीक-ए-आज़ादी-ए-कश्मीर पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों को खुले तौर पर संचालित कर रहा है। दरअसल, ट्रंप सरकार द्वारा ये कदम तब उठाया गया जब पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने एमएमएल को क्लियरेंस सर्टिफिकेट देने के लिए कहा है ताकि उसका रजिस्ट्रेशन राजनीतिक दल को तौर पर किया जा सके।
चुनाव आयोग ने हाफिज के राजनीतिक पार्टी बनाने के एप्लीकेशन को खारिज कर दिया था। राजनीतिक पार्टी के तौर पर मान्यता पाने की उसकी कोशिश का पाकिस्तान के गृहमंत्रालय ने विरोध किया था क्योंकि उसके संबंध आतंकी संगठनों से हैं।
एमएमएल और टीएजेके दोनों लश्कर के फ्रंट हैं
अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि इस कदम से लश्कर-ए-तोयबा के स्रोतों को बंद करने में मदद मिलेगी ताकि वो आतंकी हमले न कर सके। पीटीआई के मुताबिक, आतंकवाद पर अमेरिकी विदेश विभाग के संयोजक नाथन ए सेल्स ने कहा, दोनों एमएमएल और टीएजेके लश्कर के फ्रंट हैं और इस कदम से इस पर लगे प्रतिबंधों को बेअसर किया जा सके। आज के संशोधन एलईटी को निशाना बनाया गया है ताकि एलईटी की प्रतिबंधों और लोगों को धोखा देने की कोशिशों को रोका जा सके।
एक हिंसक आतंकी संगठन है
सेल्स ने कहा, 'कोई गलत न करें... एलईटी किसी भी नाम से खुद को बुलाए वो एक हिंसक आतंकी संगठन है। अमेरिका से सुनिश्चित करना चाहता है कि लश्कर को राजनीतिक आवाज तबतक न मिले, जबतक कि वो हिंसा को हथियार की तरह इस्तेमाल करना न बंद कर दे।'
इससे अमेरिका स्थित लश्कर की सभी संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा। साथ ही, कोई भी अमेरिकी नागरिक या संस्था उसके साथ लेन-देन नहीं कर सकेगी।
पाकिस्तान हाफिज को लेकर हमेशा से ही नरमी बरत रहा है
हाफिज को लेकर पाकिस्तान हमेशा से ही नरमी बरतता आ रहा है। इसी नरमी का नतीजा है कि हाफिज अब मिल्ली मुस्लिम लीग नाम की पार्टी बनाकर राजनीति में एंट्री करने की कोशिश में है। हाफिज की पार्टी ने 23 मार्च को लाहौर में अपना घोषणापत्र भी जारी किया था। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने हाफिज की राजनीतिक एंट्री के रास्ते साफ कर दिए थे।
जब इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को दिया था आदेश
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि वो सईद की पार्टी द्वारा पंजीकरण कराने के लिए दायर की गई याचिका को बिना सुने रिजेक्ट न करे। इससे पहले चुनाव आयोग ने हाफिज की पार्टी के पंजीकरण को आंतरिक विभाग के कहने पर रिजेक्ट कर दिया था।
अमेरिका के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान में स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है, सार्वजनिक रैलियां कर रहा है, धन जुटाने, और आतंकवादी हमलों के लिए लोगों को ट्रेनिंग दे रहा है।