हिरोशिमा। हिरोशिमा पर परमाणु हमले के 70 वर्ष पूरे हो गए हैं। 6 अगस्त 1945 को अमरिकी विमान ने जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम से हमला किया था। इस हमले में पूरा शहर तबाह हो गया था। उसका असर जापान पर सालों तक रहा। वो जख्म आज भी हरे हैं। एनोला गे नामक एक अमेरिकी बी-29 बमवर्षक ने छह अगस्त 1945 को लिटिल ब्वाय नामक परमाणु बम हिरोशिमा पर गिराया था। यह घटना दूसरे विश्वयुद्ध के अंतिम चरणों में से एक है।
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे और विदेशी प्रतिनिधियों समेत कई लोगों ने स्थानीय समयानुसार सुबह सवा आठ बजे मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। यह वही समय है, जब जापान के पश्चिमी शहर पर बम हमला बोलकर उसे तबाह कर दिया गया था।
स्मृति समारोह में अमरिकी अधिकारी भी
जापान पर परमाणु बम हमले के 70 वर्ष पूरे होने पर स्मृति समारोह आयोजित किया गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है है कि वाशिंगटन के एक वरिष्ठतम अधिकारी समारोह में शिरकत कर रहे हैं।
वह कभी न भूलने वाला हमला था
हिरोशिमा पर परमाणु हमले से शहर के आसपास की लगभग हर चीज जलकर खाक हो गई थी। इस बम के जरिए जमीनी स्तर पर लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पहुंची थी, जो कि स्टील को पिघलाने के लिए काफी होती है। हमले में लगभग 1.4 लाख लोग मारे गए थे। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो बम हमले से तो बच गए थे लेकिन भारी विकिरण की चपेट में आने के कारण बाद में मृत्यु हुई।
जापान के नागासाकी पर भी नौ अगस्त को परमाणु बम से हमला बोला गया था। इसमें 70 हजार लोग मारे गए थे। कुछ दिन बाद 15 अगस्त 1945 को जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया था और युद्ध समाप्त हो गया था।
वार्षिक स्मृति समारोह में वाशिंगटन की ओर से भेजे गए वरिष्ठतम अमेरिकी अधिकारी शस्त्र नियंत्रण के उपमंत्री रोस गोटेमोएलर हैं। इस अवसर पर जापान में अमेरिका की राजदूत कैरोलीन केनेडी भी हिरोशिमा के पीस मेमोरियल पार्क में उपस्थित रहेंगी।