बलूच रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष एवं बलूच राष्ट्रवादी नेता नवाब अकबर खान बुगती के पोते ब्रहुमदाग बुगती ने बलूचिस्तान के हालात का मुद्दा उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। स्विटजरलैंड में रह रहे बुगती ने संयुक्त राष्ट्र की देख-रेख में बलूच लोगों के बीच जनमत संग्रह कराने की मांग करते हुए कहा, पाक सुरक्षा बल मानवाधिकारों के बेइंतहां उल्लंघनों में संलिप्त रहे हैं। हम लोग किसी भी हाल में पाकिस्तान के साथ अब और नहीं रहना चाहते। गौरतलब है कि 10 साल पहले पाकिस्तानी सेना के साथ एक मुठभेड़ में नवाब अकबर खान बुगती मारे गए थे। अपने दादा को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने स्विट्जरलैंड गए बुगती ने अमेरिका, नाटो देश, इस्राइल और भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अनुरोध किया है कि वे उनकी लड़ाई में उनकी मदद करें।
बलूच लोगों के खिलाफ पाकिस्तान के अपराध को वैश्विक समुदाय के लिए चौंकाने वाला बताते हुए बुगती ने कहा, मैं प्रधानमंत्री मोदी का आभारी हूं। भारत के स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में बलूच लोगों की आवाज उठाने के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा करता हूं। स्वतंत्रता दिवस समारोह में मोदी की बलूचिस्तान पर टिप्पणी को बीते सात दशक में सबसे प्रभावशाली बयान बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इस संबंध में बोला है। हमारा मानना है कि भारत को यह कदम बहुत पहले उठा लेना चाहिए था। उन्होंने दावा किया कि बलूचिस्तान में हवाई बमबारी, गैसों का इस्तेमाल रोजाना की बात हो गई है और यह क्षेत्र गुमशुदा लोगों की वैश्विक राजधानी बन गया है।
बुगती ने कहा, अब किसी भी हाल में हम पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बने रहना चाहते। हम पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं। हम इतने मूर्ख नहीं हैं जो बार-बार पाकिस्तान के साथ अपनी किस्मत आजमाएं। उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान सरकार के साथ शांतिपूर्ण वार्ता के लिए तैयार हैं लेकिन आजादी के आंदोलन पर वह पीछे नहीं हटने जा रहे हैं। बलूच नेता ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में जागरूकता फैलाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने बलूच स्वतंत्रता संघर्ष में सैन्य सहायता के लिए भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, हमें अब तक भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के किसी देश से कोई सहयोग नहीं मिला है। हम भारत और अन्य देशों से बलूचिस्तान की मदद करने का अनुरोध करते हैं। पाकिस्तान में बलूच लोगों का नरसंहार जारी है।