Advertisement

लद्दाख गतिरोध पर राजनाथ से मुलाकात के बाद चीन ने कहा, 'नहीं खो सकते अपनी जमीन'

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच...
लद्दाख गतिरोध पर राजनाथ से मुलाकात के बाद चीन ने कहा, 'नहीं खो सकते अपनी जमीन'

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच रूस में शुक्रवार को दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई। बैठक के बाद चीन की ओर से बयान जारी किया गया है। चीनी सरकार ने बयान में आरोप लगाया है कि लद्दाख में तनाव बढ़ाने के लिए भारत "पूरी तरह" से जिम्मेदार है। साथ ही चीन ने यह भी कहा कि वह अपनी जमीन नहीं खो सकता।

बता दें कि पूर्वी लद्दाख में मई में सीमा पर हुए तनाव के बाद से दोनों ओर से यह पहली उच्च स्तरीय आमने सामने की बैठक थी। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गतिरोध दूर करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी।

 

चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन-भारत सीमा पर मौजूदा तनाव के कारण और सच्चाई स्पष्ट है और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से भारत पर है। बयान में कहा गया है कि चीन अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ सकता है। चीन की सशस्त्र सेना अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में पूरी तरह से प्रतिबद्ध, सक्षम और आश्वस्त है।

भारत और चीन के मध्य पर सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच शुक्रवार को दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई, जिसमें पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को कम करने पर ध्यान केन्द्रित रहा।

 

'शांति के लिए विश्‍वास होना आवश्यक'

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि एससीओ क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए विश्वास का माहौल, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति सम्मान तथा मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान आवश्यक है। उनके इस बयान को पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ सीमा विवाद में संलिप्त चीन को परोक्ष संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।

रूस की राजधानी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक मंत्री स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने द्वितीय विश्व युद्ध का भी उल्लेख किया और कहा कि उसकी स्मृतियां दुनिया को सबक देती हैं कि एक देश की दूसरे देश पर ‘आक्रमण की अज्ञानता’ सभी के लिए विनाश लाती हैं। भारत और चीन दोनों ही देश आठ सदस्यीय क्षेत्रीय समूह का हिस्सा हैं जो मुख्य रूप से सुरक्षा और रक्षा से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad