यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन के सबसे युवा सांसद शिवतोस्लाव युराश ने भारतीय न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा है कि, जब तक रूस की तरफ से जंग जारी रखा जाता है, वो लड़ाई जारी रखेंगे। यूक्रेन के सबसे युवा सांसद ने कहा कि, यूक्रेन के लोग अपने मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए युद्ध लड़ रहे हैं।
युद्धग्रस्त यूक्रेन की राजधानी कीव और उसके आसपास बुधवार की सुबह एक हवाई अलर्ट घोषित किया गया। साथ ही, वहां रह रहे लोगों से जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों में जाने का अनुरोध किया गया है। इन सबके बीच न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए सबसे कम उम्र के यूक्रेनी सांसद शिवतोस्लाव युराश ने दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने की चर्चा पर बड़ी बात कही है।
यूक्रेन के सबसे युवा सांसद शिवतोस्लाव युराश ने इस सवाल पर, कि क्या वो जल्द शांति की उम्मीद कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि, ''क्रेमलिन पर निर्भर करता है, कि ये युद्ध कब तक जारी रहता है। उन्होंने कहा कि, ''अगर क्रेमलिन ने युद्ध लड़ना जारी रखने का फैसला करता है, तो हम भी लड़ाई जारी रखेंगे।'' उन्होंने कहा कि, मौलिक अधिकारों के लिए हम लड़ना जारी रखेंगे और हम अपने अधिकारियों को सुरक्षित रखने के लिए लड़ाई जारी रखेंगे, क्योंकि हमारे पूर्वजों ने देश की रक्षा की थी। हमने जो कुछ भी जीता है, उसे छोड़ने नहीं जा रहे हैं। सांसद शिवतोस्लाव युराश ने कहा कि, जहां तक पश्चिमी देशों का संबंध है, हमें बहुत सहायता मिली है, हमें बहुत सहायता मिल भी रही है और हम इसके लिए उनके आभारी हैं। लेकिन, फिर से ये पर्याप्त नहीं है और कोई भी मदद ज्यादा नहीं है, फिर भी उनका स्वागत है।
इस सवाल पर, कि क्या वो कभी महसूस करते हैं, कि यूक्रेन के साथ पश्चिमी देशों के सहयोगियों द्वारा विश्वासघात किया गया है, युवा सांसद शिवतोस्लाव युराश ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि, 'जब सारे विकल्प खत्म हो जाते हैं, तो फिर पश्चिमी देश सही विकल्प पर काम करना शुरू करते हैं और हकीकत ये है कि इन संस्थानों को सक्रिय होने में समय लगता है। हमारे पास समय नहीं है, इसलिए हम रूसी आक्रमणकारियों से लड़ रहे हैं।
वहीं, भारत को लेकर भी यूक्रेन के सबसे युवा सांसद शिवतोस्लाव युराश ने कहा कि, '' भारत उन देशों में से एक है जो इस सदी के भाग्य का फैसला करेगा। जहां तक रूसी संबंधों पर भारतीय रुख का सवाल है, हमारे राष्ट्रपति को पीएम मोदी द्वारा किए गए फोन के लिए आभारी हूं। भारत द्वारा किए जा रहे मानवीय कदमों के लिए हम आभारी हैं''।
यूक्रेन में 14वें दिन भी लड़ाई जारी है और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि यूक्रेन में रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 474 नागरिक मारे गए हैं। वहीं, 861 लोग अभी तक घायल हुए हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, वास्तविक आंकड़े इससे काफी ज्यादा हो सकते हैं, क्योंकि अभी तक वोल्नोवाखा, मारियुपोल और इज़ियम शहरों से सैकड़ों हताहतों की रिपोर्ट की पुष्टि की जानी बाकी है। यूएन रिपोर्ट में कहा गया है कि, "अधिकांश नागरिक हताहतों की संख्या व्यापक प्रभाव क्षेत्रों में विस्फोटक हथियारों के उपयोग के कारण हुई हैं। जिसमें भारी तोपखाने और मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम, मिसाइल हमले और हवाई हमलों से गोलाबारी शामिल है।"