भारतीय सेना ने चीन को उसके सैनिक को लौटा दिया है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार कर लद्दाख आ गया था। कल रात चुशूल मोल्दो में बैठक स्थल पर चीनी सेना के कॉर्पोरल वांग हां लॉन्ग को चीनी सेना को सौंप दिया।
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर जारी तनातनी के बीच भारतीय सेना ने एक चीनी सैनिक को पकड़ा था। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसका एक सिपाही रविवार रात को सीमा के पास से लापता हो गया।
चीन ने भारतीय सेना से प्रोटोकॉल के हिसाब से अपने सैनिक को लौटाने की गुहार लगाई थी। भारतीय सेना ने सोमवार को कहा था कि उसने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक सैनिक को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में सोमवार को पकड़ा है, जिसकी पहचान कर्नल के रूप में हुई है।
पश्चिमी थिएटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली ने सोमवार रात को लापता पीएलए सैनिक पर एक बयान जारी किया और कहा कि हमारा एक चीनी सिपाही उस वक्त लापता हो गया, जब वह 18 अक्टूबर की रात एक चरवाहे को अपना खोए हुए याक को खोजने में मदद कर रहा था। हालांकि, उन्होंने अपने सैनिक की पहचान नहीं की है। पश्चिमी थिएटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग ने बयान में आगे कहा कि घटना के तुरतं बाद ही चीनी सीमा रक्षकों ने भारतीय पक्ष को घटना की सूचना दे दी थी और उम्मीद जताई कि भारतीय पक्ष चीनी सैनिक को खोजने और उसे रेस्क्यू करने में मदद करेगा।
जून महीने में लद्दाख स्थित गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवानों की जान चली गई थी। हिंसक झड़प में दर्जनों चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे। वहीं, पैंगॉन्ग त्सो में दोनों पक्षों के बीच एक से ज्यादा बार एयर शॉट चलाने की घटनाएं भी हुई हैं। इस दौरान भारत और चीन के बीच कई बार कोर कमांडर स्तर की वार्ता भी हो चुकी है, जो लगभग हर बार नाकाम रही है।