बता दें कि भारत ‘चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे’ (सीपीईसी) पर संप्रभुता संबंधी अपनी चिंताओं की वजह से इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा। सीपीईसी ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ (बीआरएफ) पहल की प्रमुख परियोजना है।
अमेरिका, जापान समित 29 देश होंगे शामिल
इस सम्मेलन में 29 राष्ट्र एवं सरकार प्रमुख हिस्सा लेंगे। सम्मेलन में अमेरिका भी शामिल हो रहा है। अमेरिका ने यहां एक शीर्ष अधिकारी भेजने पर कल सहमति जताई है। इनमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल होंगे। दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन समेत कई अन्य देशों ने इस सम्मेलन में शिरकत करने के लिए मंत्रि-स्तरीय या आधिकारिक शिष्टमंडल नियुक्त किए हैं। पूर्वी चीन सागर के विवादित द्वीपों को लेकर पिछले कुछ वर्षों से चीन की कड़ी आलोचना झेलने वाले जापान ने भी एक उच्च स्तरीय राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल भेजने पर सहमति जता दी है।
कूटनीतिक लॉबिंग का परिणाम
माना डा रहा है कि यह चीन द्वारा की गई भारी कूटनीतिक लॉबिंग का परिणाम है, लेकिन भारत को छोड़कर अन्य देशों को ‘वन बेल्ट, वन रोड’ की पहल के साथ संप्रभुता से जुड़ी कोई शिकायत नहीं है।