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पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर ट्रंप प्रशासन को नहीं है 'विश्वास'

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप जो पाकिस्‍तान में आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी को लेकर खुश थे,...
पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर ट्रंप प्रशासन को नहीं है 'विश्वास'

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप जो पाकिस्‍तान में आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी को लेकर खुश थे, अब उनके ही प्रशासन की ओर से उसकी गिरफ्तारी पर सवालिया निशान लगाए गए हैं। ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को जमात-उद-दावा (जेयूडी) के मुखिया की पाकिस्‍तान में हुई गिरफ्तारी को लेकर कई तरह की आशंकाएं जाहिर की है।

ट्रंप प्रशासन की मानें तो सईद को पहले भी अरेस्‍ट किया गया है और उस समय भी उसकी गिरफ्तारी से कोई ज्‍यादा असर नहीं पड़ा था। आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा की शुरुआत करने वाला हाफिज सईद मुंबई आतंकी हमलों 26/11 और साल 2001 में भारत की संसद हुए हमलों का मास्‍टरमाइंड है।

हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि पहले भी इस तरह की गिरफ्तारियों से न हाफिज सईद और न उसके संगठन लश्करे-तैयबा पर कोई असर पड़ा है। एक अधिकारी ने कहा, 'हमने पहले भी देखा है कि ऐसा हुआ है। इस बात हम कोई दिखावा नहीं चाहते हैं बल्कि हमें कोई कंक्रीट एक्‍शन देखना है और हम देखना चाहते हैं कि क्‍या ठोस कार्रवाई की जाती है'।

बता दें कि अमेरिकी अधिकारी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका की यात्रा पर जाने वाले हैं। साल 2001 में भारत की संसद में हमला करने के बाद से हाफिज सईद को अब तक 7 बार गिरफ्तार किया जा चुका है।

अमेरिकी अधिकारी ने आगे कहा कि हमें इस बात की दुविधा नहीं है कि पाकिस्तान सैन्य खुफिया एजेंसियां इन आतंकी समूहों की मदद करती हैं। इसलिए हम ठोस कदम का इंतजार कर रहे हैं। नाम न बताने की शर्त पर उस अधिकारी ने आगे कहा कि हमने देखा है कि पाकिस्तान ने कुछ आतंकी समूहों की संपत्तियां जब्त की हैं और यह भी सही है कि हाफिज सईद को गिरफ्तार किया गया है जो 2008 में मुंबई में हुए हमले का आरोपी है। लेकिन उसकी गिरफ्तारी 7 बार हो चुकी है और फिर बाद में छोड़ दिया गया। इसलिए हमारा रुख उसकी गिरफ्तारी को लेकर बिलकुल साफ है।

वित्त पोषण के आरोपों में गिरफ्तार किया गया हाफिज सईद

बता दें कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड एवं प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना हाफिज सईद को आतंकवाद के वित्त पोषण के आरोपों में बुधवार को गिरफ्तार किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका की पहली यात्रा से कुछ दिन पहले यह कार्रवाई की गई है।

सीटीडी के एक अधिकारी ने बताया कि सईद आतंकवाद वित्तपोषण को लेकर उसके खिलाफ दर्ज मामले में अग्रिम जमानत के लिए लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारी ने बताया, ‘जेयूडी प्रमुख बुधवार सुबह लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था जब सीटीडी की टीम ने लाहौर से करीब 80 किलोमीटर दूर गुजरांवाला शहर के समीप उसे रोका और आतंकवाद के वित्त पोषण के आरोपों पर उसे गिरफ्तार कर लिया।’

गिरफ्तारी के बाद आतंकवाद रोधी अदालत में पेश किया गया हाफिज सईद

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार करने के फौरन बाद सईद को गुजरांवाला में आतंकवाद रोधी अदालत में पेश किया गया जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद उसे उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल भेज दिया गया जहां पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ बंद हैं। शरीफ अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में सात साल की जेल की सजा काट रहे हैं।

आतंकवाद के वित्त पोषणके आरोपों पर सईद समेत जेयूडी के 13 नेताओं के खिलाफ 23 मामले दर्ज

सीटीडी ने एक बयान में कहा कि सईद को गुजरांवाला में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया और वह एटीसी, गुजरांवाला में मुकदमे का सामना करेगा। सीटीडी ने पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में ‘आतंकवाद के वित्त पोषण’ के आरोपों पर तीन जुलाई को सईद समेत जेयूडी के 13 शीर्ष नेताओं के खिलाफ 23 प्राथमिकियां दर्ज की थी।

आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने सोमवार को लाहौर में जेयूडी सरगना और तीन अन्य को गिरफ्तारी से पूर्व जमानत दे दी थी। यह मामला भूमि पर कब्जा करने और वहां लश्कर-ए-तय्यबा का मदरसा स्थापित करने से जुड़ा हुआ था। सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी लश्कर-ए-तैयबा का ही संगठन है जो 2008 मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे।

अमेरिका के वित्त विभाग ने सईद को आतंकवादी सूची में डाल रखा है और अमेरिका ने 2012 से ही सईद को सजा दिलाने के लिए सूचना देने के वास्ते एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में पाकिस्तानी अधिकारियों ने जेयूडी, लश्कर-ए-तैयबा और उसकी चैरिटी इकाई फलाह-ए-इंसानियत फाउंउेशन (एफआईएफ) के ठिकानों और आतंकवाद के वित्त पोषण के वास्ते निधि जुटाने के लिए ट्रस्टों के इस्तेमाल के मामलों की जांच शुरू की है।

सईद की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री इमरान खान 21 जुलाई को अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे और इस दौरान वह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत करेंगे।

ट्रंप लगातार पाकिस्तान से आतंकवादियों की पनाहगाहों को खत्म करने और धन तक उनकी पहुंच रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबद्धताओं का पालन करने के लिए कहता रहा है। सईद की गिरफ्तारी वित्तीय कार्रवाई बल (एफएटीएफ) की प्रतिबद्धताओं के संबंध में पाकिस्तान पर बढ़ते दबाव के तौर पर देखी जा रही है जिसकी अगली समयसीमा अक्टूबर में है।

पुलवामा हमले के बाद बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद देशभर में मदरसों और मस्जिदों समेत जेयूडी तथा एफआईएफ की संपत्तियों को नियंत्रण में लेने के बाद से सईद अपने लाहौर स्थित जौहर टाउन आवास में रह रहा था और वह चर्चाओं में नहीं था। यहां तक कि उसे लाहौर और मुरीदके में जेयूडी के मुख्यालय में प्रवेश करने से भी रोक दिया गया था।

अधिकारियों के अनुसार, जेयूडी के नेटवर्क में 300 मदरसे, स्कूल, अस्पताल, एक पब्लिशिंग हाउस और एम्बुलेंस सेवा शामिल हैं। पाकिस्तानी सरकार ने हाल ही में जेयूडी में दूसरे नंबर के माने जाने वाले अब्दुल रहमान मक्की को सार्वजनिक भाषण देने और आतंकवाद के वित्त पोषण के आरोपों में गिरफ्तार किया था। वह सईद का रिश्तेदार है।

सीटीडी ने बताया कि उसने सईद और उसके 12 सहयोगियों पर ‘‘आतंकवाद के वित्त पोषण’’ के 23 मामले दर्ज कर रखे हैं। अन्य संदिग्धों में मलिक जफर इकबाल, अमीर हम्जा, मुहम्मद याह्या अजीज, मुहम्मद नईद, मोहसिन बिलाल, अब्दुल रकीब, अहमद दौद, मुहम्मद अयूब, अब्दुल्ला उबैद, मुहम्मद अली और अब्दुल गफार हैं।

बताया जाता है कि जब से सरकार ने इन संगठनों की संपत्तियों को अपने कब्जे में लिया है तब से अन्य संदिग्ध छिपे हुए हैं। सईद और अन्य ने सीटीडी की प्राथमिकियों को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी जिस पर अदालत ने संघीय सरकार, पंजाब सरकार और सीटीडी को नोटिस जारी किए तथा उनसे 30 जुलाई तक जवाब मांगा।

सईद को नवंबर, 2017 में नजरबंदी से रिहा किया गया

पंजाब सरकार ने आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत 31 जनवरी 2017 को सईद और उसके चार साथियों को नजरबंद किया था। सईद को 2017 नवंबर में नजरबंदी से रिहा किया गया। उसे नवंबर 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के बाद भी नजरबंद किया गया था लेकिन अदालत ने 2009 में उसे रिहा कर दिया था।

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