वह एक सीरियल किलर था। 1986 से 1994 के दौरान उसने कई बच्चियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया और उनकी हत्या कर दी। लेकिन 35 वर्षों तक पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी। पकड़ती भी थी कैसे, वह खुद पुलिस में नौकरी करता था। अब जब पुलिस को उसके बारे में पता चला तो वह इस दुनिया में नहीं है। उसने खुदकुशी कर ली और सुसाइड नोट में कई अपराधों की बात कबूली है। पुलिस को संदेह है कि उसके अपराधों की संख्या काफी अधिक हो सकती है। हालांकि इस सच्चाई से अब शायद ही कभी पर्दा उठ सके।
यह घटना फ्रांस की राजधानी पेरिस की है। उसका संभवतः पहला अपराध 1986 में था, जब उसने 11 साल की बच्ची सेसिले ब्लोच के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी। बच्ची अचानक लापता हो गई थी और कई दिनों बाद उसकी लाश बेसमेंट में कारपेट के नीचे मिली। ब्लोच के भाई रिचर्ड ने पुलिस को बताया था कि उसने अपने अपार्टमेंट बिल्डिंग में एक खुरदरे चेहरे वाले व्यक्ति को देखा था। वह उसे लिफ्ट में मिला था और बातचीत में रिचर्ड से कहा था कि तुम्हारा दिन अच्छा हो।
उस समय अपराधी का कोई सुराग न मिलने पर पुलिस ने रिचर्ड से बातचीत के आधार पर उसका एक स्केच बनवाया था और उससे ‘ला ग्रेले’ (खुरदरे चेहरे वाला) नाम दिया था। वैसे अब पता चला है कि उसका असली नाम फ्रांस्वा वेरोव था। 1986 से 1994 के दौरान एक के बाद एक कई महिलाओं के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं से पेरिस दहल उठा था।
हालांकि पुलिस किसी भी मामले में सुराग नहीं मिला था वे लोग ने सुसाइड नोट में 6 महिलाओं के साथ दुष्कर्म और छार की हत्या की बात कबूली है
उन आठ वर्षों के दौरान वेरोव ने जितने अपराध किए, पुलिस ने सबमें डीएनए सबूत जुटाए थे। इससे पुलिस को यह तो पता था कि अपराधी एक ही व्यक्ति है। वेरोव की शिकार महिलाओं और उनके परिजनों के वकील के अनुसार अपराध के तरीके से यह अंदाजा तो हो रहा था कि वह मिलिट्री पुलिस का कोई अधिकारी है। वकील ने बताया कि हर मामले में उसकी कोशिश होती थी कि उसका कोई डीएनए सबूत ना मिले, फिर भी कुछ न कुछ सबूत छोड़ ही जाता था। अभी तक दुष्कर्म के छह और हत्या के चार मामलों में उसका डीनए मैच हुआ है।
ब्लोच के भाई रिचर्ड से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने वेरोव का जो स्केच बनाया था, उसकी कॉपी 35 वर्षों से पेरिस के तमाम थानों में लटकी थी। पिछले दिनों एक इन अपराधों की जांच कर रहे मजिस्ट्रेट ने मिलिट्री पुलिस के सभी थानों को चिट्ठी भेजने का फैसला किया।
59 साल का वेरोव मिलिट्री पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद सामान्य पुलिस में भर्ती हो गया था और कुछ ही दिनों पहले वह रिटायर हुआ था। 24 सितंबर को पुलिस ने उसे थाने आकर डीएनए सैंपल देने के लिए कहा था। तीन दिन बाद 27 सितंबर को उसकी पत्नी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में एक अलग किराए के फ्लैट में पुलिस को उसकी लाश मिली। साथ में एक सुसाइड नोट भी था। सुसाइड नोट में उसने यह तो नहीं लिखा है कि किसके साथ दुष्कर्म किया और किसकी हत्या की, लेकिन उसके डीएनए पुराने मामलों से मैच किए जा रहे हैं। नोट में उसने लिखा है, “मैं 1990 के दशक तक कई ऐसे बड़े अपराधों की बात कबूल करता हूं जो अक्षम्य हैं।” उसने यह भी लिखा है कि उन दिनों उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी।
वेरोव के दो बच्चे हैं। पड़ोसियों का कहना है कि वह एक पारिवारिक व्यक्ति था और सामान्य जीवन बिताता था। उसके अपराध कबूल करने की बात से सभी हैरान हैं। कई बार वह पड़ोसियों के घर उनके कंप्यूटर ठीक करने भी जाता था। साथी अधिकारियों का कहना है कि वह हमेशा दाढ़ी रखता था। शायद अपने खुरदरे चेहरे को छुपाने के लिए वह वैसा करता था। जैसा कि उसमें सुसाइड नोट में लिखा है, शादी और बच्चे होने के बाद उसके मन से किसी की हत्या करने का इरादा खत्म हो गया था। अपने अपराधों से परिवार को बचाने के लिए वह खुदकुशी करना चाहता था।