वकील जावेद इकबाल जाफरी ने लाहौर उच्च न्यायालय में दायर की गई अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि ब्रिटेन ने महाराजा रणजीत सिंह के पोते दलीप सिंह से हीरा छीन लिया था। फिलहाल यह हीरा रानी एलिजाबेथ द्वितीय के मुकुट का हिस्सा है। उन्होंने कहा है कि 105 कैरेट वजन और अरबों रूपये मूल्य के इस हीरे पर रानी एलिजाबेथ का कोई हक नहीं है। जाफरी ने कहा कि कोहिनूर हीरा पंजाब प्रांत की सांस्कृतिक विरासत थी और वास्तव में यह संपत्ति यहां के लोगों की है।
दरअसल मध्यकालीन युग में आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के कोल्लूर खदान में खनन के दौरान कोहिनूर मिला था। एक समय में इसे विश्व का सबसे बड़ा हीरा माना जाता था। भारत लंबे समय से कोहिनूर को वापस करने की मांग करता रहा है जो ब्रिटेन द्वारा जब्त किए जाने से पहले मुगल बादशाहों और महाराजाओं के पास था। भारत का कहना है कि कोहिनूर को अवैध तरीके से हासिल किया गया था और इसे ब्रिटिश शासन के समय लूटे गए अन्य खजाने के साथ वापस किया जाना चाहिए। भारत की आजादी के 50 वर्ष पूरे होने पर जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने वर्ष 1997 में भारत की यात्रा की थी, उस समय भारत और ब्रिटेन में रह रहे कई भारतीयों ने हीरे को वापस करने की मांग की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नवंबर में ब्रिटेन की यात्रा से पहले भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद कीथ वाज ने कोहिनूर को वापस भारत को देने की बात उठाई थी।