अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लगभग तीन हफ्ते बाद तालिबान ने मंगलवार को 'अंतरिम' सरकार का ऐलान कर दिया। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद इस सरकार के प्रमुख होंगे। जबकि, अब्दुल गनी बरादर को डिप्टी बनाया गया है। मुल्ला हसन वर्तमान में तालिबान की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई ‘रहबरी शूरा' या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं, जो शीर्ष नेता के अनुमोदन के अधीन समूह के सभी मामलों पर सरकारी मंत्रिमंडल के जैसे कार्य करता है। सरकार में कई महत्वपूर्ण पद तालिबान के शीर्ष नेताओं को दिए गए हैं। बता दें कि सरकार में शामिल अधिकतर नेताओं के नाम अमेरिका द्वारा घोषित आतंकियों की सूची में भी है।
कहा जा रहा है कि विश्व के इतिहास में यह पहली बार होगा कि जिन देशों ने आतंकवाद फैलाने के जुर्म में तालिबान के सदस्यों पर संयुक्त राष्ट्र का प्रतिबंध लगवाया उन्हीं देशों के प्रतिनिधि अब उन आतंकियों के साथ समकक्ष के तौर पर बात करेंगे। तालिबान की ओर से मंगलवार को जिस अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की गई है, उसमें पीएम अखुंद, दोनों डिप्टी पीएम मुल्ला बरादर व अब्दुल सलाम हनफी, गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी, विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित आतंकी हैं। सिराजुद्दीन हक्कानी के बारे में सूचना देने पर तो अमेरिकी सरकार की ओर से इनाम घोषित है।
काबुल में गवर्नमेंट इंफॉर्मेशन एंड मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया, कि यह कैबिनेट पूरी नहीं है, अभी यह कार्यकारी ही है। उन्होंने कहा कि हम लोग देश के दूसरे हिस्सों से भी लोगों को लेने का प्रयास करेंगे।
तालिबान ने लगभग तीन हफ्ते पहले अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था, इसके बाद 31 अगस्त तक अमेरिकी फौज देश छोड़कर चली गई थी। जिसके बाद से अंदाजा लगाया जा रहा था कि तालिबान शीघ्र ही सरकार के गठन की घोषणा करेगा। मगर कई बार स्थगित हो गया।