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तालिबान पर लगेंगे प्रतिबंध या मिलेगी मान्यता? आज जी-7 की बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को लेकर अमेरिका और उसके अन्य सहयोगी देशों की ओर से आज बड़ा फैसला लिया...
तालिबान पर लगेंगे प्रतिबंध या मिलेगी मान्यता? आज जी-7 की बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को लेकर अमेरिका और उसके अन्य सहयोगी देशों की ओर से आज बड़ा फैसला लिया जा सकता है। तालिबान को दुनिया भर में अलग-थलग करने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लागू किए जाएंगे या फिर उसे मान्यता मिलेगी, यह निर्णय आज की बैठक में हो सकता है।

आज जो बाइडेन जी-7 देशों के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक कर सकते हैं। इस बैठक में अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो देशों की सेनाओं को 31 अगस्त के बाद भी कुछ वक्त तक रोके रहने को लेकर भी बात हो सकती है। 

वर्चुअल माध्यम से होने वाली इस बैठक में अफगानिस्तान नीति पर करीबी समन्वय को लेकर चर्चा की जाएगी। यह जानकारी व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने रविवार को दी।

साकी ने एक बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रपति जो बाइडेन 24 अगस्त को जी7 देशों के अन्य नेताओं के साथ डिजिटल तरीके से बैठक कर सकते हैं।ये नेता अफगानिस्तान नीति पर अपना करीबी समन्वय जारी रखने और हमारे नागरिकों, पिछले दो दशक में हमारे साथ डटे रहे बहादुर अफगानों और अन्य कमजोर अफगान नागरिकों को वहां से निकालने पर चर्चा करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि जी7 के नेता अफगान शरणार्थियों को मानवीय सहायता और सहयोग प्रदान करने की योजनाओं पर भी विचार-विमर्श करेंगे। बता दें कि जी-7 देशों में अमेरिका के अलावा, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, फ्रांस, इटली और जापान शामिल हैं।

ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा है कि वह अफगानिस्तान की स्थिति पर तत्काल बातचीत के लिए मंगलवार को सात देशों के समूह के नेताओं की एक बैठक बुलाएंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय लोगों को सुरक्षित निकालना सुनिश्चित करने, मानवीय संकट को रोकने और पिछले 20 वर्षों की मेहनत को सुरक्षित करने के लिए अफगान लोगों का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करे।’’

बता दें कि इस साल ब्रिटेन जी-7 देशों की अध्यक्षता कर रहा है। 9/11 के आतंकी हमलों के बाद 20 साल पहले अफगानिस्तान में सैनिकों को तैनात करने वाले तत्कालीन ब्रिटिश प्रधान मंत्री टोनी ब्लेयर ने अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से हटने पर जो बाइडेन की आलोचना भी की है। उन्होंने कहा है कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी से दुनियाभर में हर जिहादी समूह उत्साहित हैं। दो दशक बाद अमेरिकी सेना के देश से वापसी के बीच तालिबान ने राजधानी काबुल समेत अफगानिस्तान के सभी प्रमुख कस्बों और शहरों पर कब्जा कर लिया है।

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