स्वीडन में जन्मे और ब्रिटेन के हेर्टफोर्डशायर के फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट एवं क्लेयर हॉल लेबोरेट्री से जुड़े टॉमस लिंडल, अमेरिकी वैज्ञानिक पॉल मॉड्रिच और तुर्की में जन्मे एवं अमेरिका नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी से जुड़े अजीज संकार को ‘डीएनए रिपेयर के मैकेनिस्टिक अध्ययन’ के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। दरअसल इन तीनो वैज्ञानिकों ने मॉलीक्यूल के स्तर पर इस बात की गणना की है कि मानव कोशिका किस तरह क्षतिग्रस्त डीएनए को दुरुस्त कर जीन से जुड़ी जानकारी को सुरक्षित करती है। इन वैज्ञानिकों के इस कार्य से इस बात की मौलिक जानकारी मिली है कि एक जीवित कोशिका कैसे कार्य करती है और इस जानकारी का इस्तेमाल कैंसर के नए इलाज को विकसित करने में किया जा रहा है। इन तीनों वैज्ञानिकों को इनकी इस खोज के लिए नोबेल पुरस्कार की राशि 80 लाख स्विडिश क्रोन (लगभग 9,60,000 अमेरिकी डालर) का बराबर-बराबर हिस्सा दिया जाएगा।
नोबल पुरस्कारों की अगली कड़ी में कल साहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी। शुक्रवार को नोबल शांति पुरस्कार और सोमवार को अर्थव्यवस्थ के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वालों के नामों का ऐलान किया जाएगा। पुरस्कार 10 दिसंबर को पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबल की पुण्य तिथि पर प्रदान किए जाएंगे।