कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए चीनी वैक्सीन पर निर्भर रहने वाले मंगोलिया, सेशेल्स और बहरीन जैसे देश इन दिनों बढ़ते संक्रमण के प्रकोप से जूझ रहे हैं। इन देशों में अधिकतर लोगों को वैक्सीन लग चुकी है इसके बावजूद भी यहां कोरोना की रफ्तार कम होती नजर नहीं आ रही है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इन देशों ने चीनी टीकों के साथ अपनी कुल जनसंख्या का लगभग 50 से 80 फीसदी वैक्सीनेशन पूरा किया था। जिसके बाद वैक्सीनेशन के मामले में अमेरिका को पछाड़ने वाले ये देश पिछले हफ्ते कोरोना प्रभावित टॉप 10 देशों में शामिल हो गए।
90 से ज्यादा देश चीन से आई कोविड वैक्सीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। अपने नागरिकों को सिनोफार्म वैक्सीन दिलाने वाले ये देश हैं जिनके यहां वैक्सीनेशन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इसके बावजूद भी यहां संक्रमण से निपटने के लिए लॉकडाउन, टेस्टिंग और तमाम पाबंदियों को लागू करना पड़ रहा है जिसकी वजह से यहां की अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान हो रहा है।
मंगोलिया ने चीनी वैक्सीन पर विश्वास कर जल्दी वैक्सीनेशन अभियान शुरू कर दिया था। यहां 52 फीसदी आबादी को वैक्सीन लग चुकी है, लेकिन रविवार को यहां 2,400 नए मामले दर्ज किए जो इस महीने पहले की तुलना में चार गुना अधिक है।
बता दें कि चीनी कंपनियों ने अब तक अपना क्लिनिकल डेटा जानी नहीं किया है जिससे यह पता लगाया जा सके कि उनकी वैक्सीन कितनी प्रभावी है। हालांकि चिली में सिनोवैक पर हुए अध्ययन से यह पता चला है कि फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना की तुलना में सिनोवैक कम प्रभावशाली है।