अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस को लेकर एक बार फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर निशाना साधा है। ट्रंप ने संगठन पर चीन के लिए जनसंपर्क एजेंसी (PR एजेंसी) की तरह काम करने का आरोप लगाया है।
डोनाल्ड ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने ऐसा कुछ भी देखा है, जिससे पता चलता है कि चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से ही कोरोना वायरस की शुरुआत हुई है, तो उन्होंने कहा कि हां, मैंने देखा है। ट्रंप ने कहा, 'मुझे लगता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को शर्म आनी चाहिए क्योंकि वह चीन के लिए एक पीआर एजेंसी की तरह है।'
माइक पोम्पियों ने लगाया आरोप
विदेश मंत्री माइक पोम्पियों ने आरोप लगाया कि डब्ल्यूएचओ नतीजे देने में विफल रहा है और कोरोना वायरस पर उसने दुनिया को गुमराह किया है। डब्ल्यूएचओ के संबंध में हम जानते हैं कि उनके पास एक काम था, ठीक है? एक अकेला मिशन: एक महामारी के प्रसार को रोकने के लिए। हम जानते हैं कि उस संगठन के नेता ने चीन की यात्रा की और फिर सभी के लिए इसे महामारी घोषित करने से मना कर दिया, जब तक कि दुनिया को पता नहीं चल गया कि यह सच था।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब चीन के अंदर से दुनिया भर में एक वायरस फैला है। यह पहली बार नहीं है जब डब्ल्यूएचओ अपने मिशन में विफल रहा है। हम अमेरिकी लोगों का दायित्व है कि हम अपना काम करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम उसे ठीक करते हैं, हम उन चीजों को फिर से होने से रोकते हैं। इस बीच कई रिपब्लिकन सांसदों ने कांग्रेस की सुनवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया कि डब्ल्यूएचओ ने वायरस के मानव-से-मानव संचरण को नकारने सहित कई मौकों पर चीनी शासन की "गलत जानकारी" का विरोध किया।
कोरोना को लेकर डब्ल्यूएचओ पर हमलावर हैं ट्रंप
बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ पर हमलावर रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में अमेरिका से एजेंसी को मिलने वाली फंडिंग को यह कहते हुए रोक दिया था कि डब्ल्यूएचओ समय पर और महामारी से जुड़ी जानकारी साझा करने में विफल रहा है। इसके बाद अमेरिका में विदेश मामलों पर यूएस हाउस कमेटी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की फंडिंग को रोकने वाले ट्रंप प्रशासन के निर्णय की जांच शुरू कर दी।
ट्रंप ने चीन पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं, इससे पहले ट्रंप ने गुरुवार को चीन पर फिर गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि नवंबर में होने वाले चुनावों में चीन उन्हें राष्ट्रपति बनने से रोकने को किसी भी हद तक जाएगा। उन्होंने कहा, 'मुझे हराने के लिए चीन कुछ भी कर सकता है। चीन उनके प्रतिद्वंद्वी बाइडेन को जिताना चाहता है ताकि चीन के अमेरिका के साथ व्यापार संबंधों में दबाव कम हो सके। उन्होंने फिर कोरोना के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसे इसके बारे में दुनिया को जल्दी बताना चाहिए था।'