भारत की एक जलवायु कार्यकर्ता को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अपने नये सलाहकार समूह में शामिल करने के लिए नामित किया है। इस समूह में युवा नेता शामिल हैं जो बिगड़ते जलवायु संकट से निपटने के लिए समाधान एवं दृष्टिकोण उपलब्ध कराएंगे।
अर्चना सोरेंग विश्व के उन छह अन्य युवा जलवायु नेताओं के साथ शामिल होंगी जिन्हें गुतारेस ने जलवायु परिवर्तन पर युवा सलाहकार समूह के लिए नामित किया है।
संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को एक बयान में कहा कि सोरेंग “वकालत एवं अनुसंधान में अनुभवी हैं और वह स्वदेशी समुदायों के सांस्कृतिक चलन और पारंपरिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण, संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए काम कर रही हैं।”
सोरेंग ने कहा,“हमारे पूर्वज अपने पारंपरिक ज्ञान एवं प्रथाओं से युगों से जंगल एवं प्रकृति को बचा रहे हैं। अब हमारी बारी है कि हम जलवायु संकट से निपटने में अग्रिम मोर्चे पर काम करें।’’
उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस), मुंबई से नियामक प्रशासन की पढ़ाई की है और टिस छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष रही हैं।
18 से 28 वर्ष के युवा कार्यकर्ता संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को बिगड़ते जलवायु संकट से निपटने के लिए वैश्विक कार्य एवं लक्ष्य को गति देने के लिए नियमित रूप से सलाह देंगे।
यह घोषणा निर्णय लेने एवं योजना बनाने की प्रक्रियाओं में अधिक से अधिक युवा नेताओं को शामिल करने के संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों को सामने रखता है। वैश्विक निकाय कोविड-19 से उबरने के प्रयासों के तहत जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में कार्य को गति देने के प्रयास कर रहा है।