पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में सुन्नी और शिया समुदायों के बीच संघर्ष विराम के बावजूद दोनों में छिटपुट झड़पें जारी रहने के कारण कम से कम 10 और लोग मारे गए हैं तथा 21 अन्य घायल हो गए हैं। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
ताजा हिंसा मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अफगानिस्तान की सीमा से लगे कुर्रम जिले में हुई। पुलिस ने बताया कि छिटपुट सामुदायिक हिंसा में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 21 अन्य घायल हो गए।
पुलिस ने कहा कि कुर्रम जिले में अलीजाई और बागान समुदायों के बीच संघर्ष पिछले सप्ताह शुक्रवार को शुरू हुआ था। इससे पहले बृहस्पतिवार को पाराचिनार के पास यात्री गाड़ियों के काफिले पर हमला हुआ था जिसमें 47 लोग मारे गए थे। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार को हुई हिंसा में कम से कम 37 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
बृहस्पतिवार को काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है।
प्रांतीय सरकार के प्रतिनिधिमंडल और दोनों समुदायों के बुजुर्गों के बीच बैठकों के बाद रविवार को शिया और सुन्नी समुदायों के बीच सात दिन का संघर्ष विराम हुआ था।
हालांकि, पुलिस ने कहा कि संघर्ष विराम के बावजूद छिटपुट झड़पें जारी हैं।
मंगलवार को घोजागरी, मातासानगर और कुंज अलीजई इलाकों में छिटपुट लड़ाई हुई।
कुर्रम के उपायुक्त जावेदउल्ला महसूद ने कहा कि हंगू, ओरकजई और कोहाट जिलों के बुजुर्गों का एक बड़ा जिरगा (कबायली परिषद) शत्रुता समाप्त करने के लिए नए सिरे से मध्यस्थता के वास्ते कुर्रम का दौरा करेगा।
उन्होंने कहा कि कोहाट के आयुक्त शांति प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इस बीच, कुर्रम जिला मुख्यालय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मीर हसन खान ने कहा कि बृहस्पतिवार के हमले के बाद पाराचिनार की ओर जाने वाली सड़कें बंद होने से दवाओं की कमी हो गई है।
उन्होंने कहा कि दवाओं की कमी के कारण डॉक्टरों के लिए लोगों का इलाज करना मुश्किल हो रहा है और लोगों की जान जा रही है।
सुन्नी बहुल पाकिस्तान में 24 करोड़ की आबादी में शिया मुस्लिम लगभग 15 प्रतिशत हैं। हालांकि दोनों समूह आम तौर पर शांतिपूर्ण तरीके से साथ रहते हैं लेकिन तनाव बना हुआ है और खासकर कुर्रम में ऐसी स्थिति है।
इस क्षेत्र में सामुदायिक संघर्ष का इतिहास रहा है, जहां पहले आतंकवादी समूह शिया अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते थे। वर्तमान हिंसा भूमि विवाद से जुड़ी हुई है।