प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को ब्रुनेई से सिंगापुर के लिए रवाना हुए। उन्होंने अपनी यात्रा को "उत्पादक" बताया और कहा कि यह यात्रा "भारत-ब्रुनेई संबंधों के एक नए युग" की शुरुआत करेगी, जो एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान देगी।
द्विपक्षीय यात्रा पर ब्रुनेई जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें रक्षा, व्यापार और ऊर्जा सहित अन्य विषयों पर चर्चा की गई तथा आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
भारत और ब्रुनेई ने द्विपक्षीय संबंधों को "बढ़ी हुई साझेदारी" के स्तर तक बढ़ाया।
दक्षिण पूर्व एशियाई देश से रवाना होते समय मोदी ने एक्स पर लिखा, "ब्रुनेई दारुस्सलाम की मेरी यात्रा फलदायी रही। इससे भारत-ब्रुनेई संबंधों के एक नए युग की शुरुआत हुई है। हमारी दोस्ती एक बेहतर ग्रह के निर्माण में योगदान देगी। मैं ब्रुनेई के लोगों और सरकार के आतिथ्य और स्नेह के लिए उनका आभारी हूं।"
अधिकारियों ने बताया कि मोदी की ऐतिहासिक यात्रा दोनों देशों के बीच 40 साल के कूटनीतिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर आपसी सम्मान और समझ पर आधारित मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
विदेश मंत्रालय ने तस्वीरों के साथ एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ब्रुनेई भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति और हिंद-प्रशांत के उसके विजन में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।"
इससे पहले मंगलवार को मोदी का स्वागत क्राउन प्रिंस अल-मुहतादी बिल्लाह ने एयरपोर्ट पर किया। उन्होंने यहां प्रतिष्ठित उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया और भारतीय उच्चायोग के नए चांसरी परिसर का उद्घाटन भी किया। दोनों जगहों पर उन्होंने भारतीय प्रवासियों से बातचीत की।