कम्युनिस्ट देश चीन के एक सरकारी इस्लामी संगठन ने कहा है कि देश की सभी मस्जिदों को राष्ट्रध्वज फहराना चाहिए। साथ ही कहा है कि 'राष्ट्र के सिद्धांत' को बेहतर तरीके से समझने और 'देशभक्ति की भावना' को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें चीन का संविधान और समाजवाद के मूल विचारों का अध्ययन करना चाहिए।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चीन के विशेषज्ञों ने चाइना इस्लामिक एसोसिएशन की इस पहल की सराहना की है। चाइना इस्लामिक एसोसिएशन ने अपनी वेबसाइट पर एक पत्र का प्रकाशन किया है। पत्र में संगठन ने देशभर के इस्लामी संगठनों और मस्जिदों को प्रमुख स्थान पर हर समय राष्ट्रध्वज लगाए रहने का अनुरोध किया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, पत्र में कहा गया है कि ऐसे संगठनों और मस्जिदों को चीन का संविधान, समाजवाद के मूल सिद्धांतों और चीन की पारंपरिक संस्कृति का भी अध्ययन करना चाहिए।
चीन में धर्म को लेकर पिछले महीने प्रकाशित हुए आधिकारिक श्वेतपत्र के मुताबिक, चीन में करीब 2 करोड़ मुस्लिम हैं जिनमें ज्यादातर जिनजियांग के उइगर मुस्लिम हैं। चीन में करीब 35,000 मस्जिदें हैं। प्राकृतिक संसाधनों के मामले में समृद्ध जिनजियांग प्रांत में ही लगभग एक करोड़ से ज्यादा उइगर मुस्लिम रहते हैं। यहां पिछले कुछ सालों से अशांति है। जिनजियांग में हिंसा के लिए चीन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) के अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराता है।
इसे लेकर कुछ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने सवाल किया कि क्या धार्मिक स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना राजनीति और धर्म को अलग करने के सिद्धांत का उल्लंघन नहीं है।
विशेषज्ञों ने कहा कि चीनी कानून यह बताता है कि राजनीति और धर्म को एक दूसरे के साथ हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, लेकिन राष्ट्रीय ध्वज देश का प्रतिनिधित्व करता है, न कि राजनीति का। झंडा फहराना धार्मिक गतिविधियों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करता है।