अभी तक पेट्रोलियम के लिए नेपाल पूरी तरह से भारत पर निर्भर था लेकिन यह निर्भरता कम करने के लिए नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन ने चाइना नेशनल यूनाईटेड फ्यूल काॅरपोरेशन यानी पेट्रो चाइना के साथ समझौता किया है। समझौते के मुताबिक, चीन से नेपाल को एक हजार टन तेल अनुदान के रूप में मिलेगा। चीन ने कहा है कि वह नेपाल को 13 लाख लीटर गैसोलिन की आपूर्ति करेगा। अभी तक नेपाल ने चीन से गैसोलिन का आयात नहीं किया था। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नेपाल तुरंत कितना ईंधन चीन से लेगा।
नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता दीपक अधिकारी ने ईंधन आयात के लिए चीन के साथ समझौता होने की पुष्टि की है। उन्होंने नेपाली मीडिया से कहा कि चीन से ईंधन आने का रास्ता खुल गया है। पिछले एक महीने से अनधिकृत तौर पर भारत से नेपाल को वस्तुओं व ईंधन की आपूर्ति पर रोक के बीच नेपाल ने यह कदम उठाया है। इसे कूटनीतिक मोर्चे पर भारत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
गाैरतलब है कि नेपाल में नए संविधान के खिलाफ मधेसी आंदोलन और भारतीय सीमा पर अघोषित नाकेबंदी की वजह से वहां ईंधन का संकट पैदा हो गया है। नेपाल में ईंधन और जरूरी सामानों किल्लत महसूस की जा रही है और आपदा प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। चीन के साथ हुए समझौते से इस संकट से निपटने में मदद मिल सकती है हालांकि, भारत के लिए इस डील का महत्व महज ईंधन आपूर्ति से कहीं ज्यादा है। इसे नेपाल की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों के रूप में देखा जा रहा है।