मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में एक अमेरिकी एवं इतालवी बंधक भी मारा गया था। न्यूयार्क टाइम्स की खबर के अनुसार, अहमद फारूक भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआईएस) का दूसरे नंबर का नेता था। यह एक ऐसी स्थानीय शाखा थी, जिसकी शुरूआत अलकायदा के नेता एमान अल-जवाहरी ने इस्लामिक स्टेट की नियुक्तियों के प्रयासों से निपटने के लिए सितंबर में की थी।
रिपोर्ट में कहा गया कि कई वर्षों से अमेरिकी ड्रोन हमले अलकायदा के शीर्ष नेतृत्व के खात्मे और इसे तितर-बितर करने में सफल रहे हैं। समूह ने भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा के नए नेतृत्व से उम्मीदें लगाई हुई थीं। रिपोर्ट में कहा गया कि फारूक को कुछ समय से आतंकवादियों के बीच एक उभरते सरगना के रूप में देखा जा रहा था।
रिपोर्ट में वर्ष 2010 के ओसामा बिन लादेन को लिखे गए उस पत्र का हवाला दिया गया, जिसमें इस नाम के आतंकी को भावी नेतृत्व की क्षमता से संपन्न बताया गया था। अलकायदा के एक वरिष्ठ नेता अतियाह अब्द अल-रहमान ने फारूक के बारे में एक सही आदमी लिखा था। रहमान खुद वर्ष 2011 के ड्रोन हमलों में मारा गया था।