पाकिस्तान में इमरान की सरकार बनने के बाद वहां के काम-काज के तौर-तरीकों पर कई बदलाव देखे जा सकते हैं। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नवगठित आर्थिक सलाहकार समिति में कई विदेशी अर्थशास्त्रियों को शामिल किया।
इसका मकसद देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा खड़ा करना है, ताकि देश के लिए आर्थिक नीतियां बनाते समय पेशेवर आर्थिक सलाह मिल सके।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक खान की सरकार के सामने 10 अरब डॉलर के अंतर को पाटने की तत्काल चुनौती है। इसकी प्रमुख वजह देश से बड़ी राशि का बाहर जाना और निवेश कम होना है।
पाकिस्तान का मौजूदा समय में चालू खाते का घाटा 18 अरब डॉलर है, वहीं इसका विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 10 अरब डॉलर से कुछ अधिक है। यह दो माह के आयात को पूरा करने में ही सक्षम है।
पुरानी परंपराओं से अलग इस आर्थिक सलाहकार परिषद में खान ने 18 सदज्ञयों की नियुक्ति की है। इसकी अध्यक्षता वह खुद करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सबसे अच्छी पेशेवर आर्थिक सलाह का उपयोग किया जाए।
इसे लेकर परिषद की पहली बैठक जल्द हो सकती