पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का भारत विरोध अब इस स्तर तक पहुंच गया है कि वह भारत को बदनाम करने के लिए फर्जी वीडियो पोस्ट करने से भी नहीं चूक रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के साथ पुलिस की कथित ज्यादती के नाम पर फर्जी वीडियो पोस्ट किए। हालांकि उत्तर प्रदेश पुलिस ने तुरंत ही इस वीडियो की असलियत बताई। उन्होंने बताया कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं बल्कि बांग्लादेश का है। इमरान ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान 'भारत में पुलिस हिंसा' का हवाला देते हुए तीन वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किए थे। इन वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, 'मोदी सरकार के जातीय सफाए के तहत भारतीय पुलिस मुसलमानों पर हमला करते हुए।'
लेकिन, इमरान खान के इस वीडियो की असलियत तब सामने आई जब पता चला कि उन्होंने जो वीडियो ट्वीट किया है, वह सिरे से भारत का है ही नहीं। वीडियो बांग्लादेश का निकला। इमरान का पर्दाफाश उत्तर प्रदेश पुलिस ने किया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इमरान खान के ट्वीट को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘यह उत्तर प्रदेश की नहीं, बल्कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका की मई, 2013 की घटना है।...’
इमरान के वीडियो का उत्तर प्रदेश की पुलिस ने किया खंडन
वीडियो में इमरान ने पुलिस के जिन जवानों को उत्तर प्रदेश का बताया, उनकी वर्दी पर आरएबी लिखा हुआ है। आरएबी (रैपिड एक्शन बटैलियन) बांग्लादेश पुलिस की आतंकरोधी इकाई है। हालांकि बाद में इमरान खान ने ट्वीट डिलीट कर दिया।
एसपी सोशल मीडिया मॉनीटरिग सेल मोहम्मद इमरान ने लखनऊ में बताया कि शुक्रवार रात करीब 8 बजे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बांग्लादेश की घटना के तीन वीडियो ट्वीट किए गए और उन्हें उत्तर प्रदेश का बताया गया। वीडियो में पुलिसकर्मी एक समुदाय के व्यक्ति पर अत्याचार कर नजर आ रहे थे।
वीडियो में बांग्ला भाषा बोल रहे हैं जवान
उत्तर प्रदेश पुलिस ने जब ट्वीट में दिए गए वीडियो की जांच-पड़ताल की तो सामने आया कि वीडियो बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मई 2013 में हुई घटना का है। वीडियो में नजर आ रहे जवानों की वर्दी पर आरएबी यानी रैपिड एक्शन बटालियन लिखा है और वे बांग्ला भाषा बोल रहे हैं। एसपी के अनुसार, इन तथ्यों की पूरी तरह पुष्टि होने के बाद इमरान खान के ट्वीट का खंडन किया गया। कुछ देर बाद इमरान खान के ट्वीट डिलीट कर लिए गए। शुक्रवार सुबह पाकिस्तान के ट्विटर पेज द वॉर रिपोर्ट से वही वीडियो साझा किए गए थे, जिस पर भी पुलिस ने जवाब दिया था। बाद में उन पोस्ट को हटा लिया गया था।
This is not from U.P, but from a May,2013 incident in Dhaka,Bangladesh.The RAB(Rapid Action Battalion) written on the vests at 0:21s, 1:27s or the Bengali spoken, or these links would help you be better informed.
— UP POLICE (@Uppolice) January 3, 2020
1. https://t.co/Rp3kcKHz2K
2.https://t.co/zf7qk9bY7M@UPPViralCheck https://t.co/4krjmD38PK
विदेश मंत्रालय ने किया ये ट्विट
वहीं, शनिवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘फर्जी खबर ट्वीट की। पकड़े गए। ट्वीट हटा दिया। फिर वही करेंगे।’ उन्होंने हैशटैग दिया, ‘पुरानी आदतें बमुश्किल जाती हैं।’
Pakistan Prime Minister Imran Khan has deleted all three videos from his Twitter timeline in which he falsely claimed that Police was carrying out a pogrom against Muslims in Uttar Pradesh. https://t.co/NF7iDMliI9
— ANI (@ANI) January 3, 2020