उन्होंने ढाका में एक होटल में साहित्यकारों और कला क्षेत्र की हस्तियों के साथ बैठक में कहा, तीस्ता मुद्दे पर मुझ पर भरोसा रखिए। मैं इस मामले में प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ बात करंगी। बनर्जी ने कहा, मैं आम इंसान हूं। जमीन से जुड़ी हूं। मेरी तरफ से, मैंने एलबीए की समस्या को सुलझा लिया है। तीस्ता मुद्दे पर भी मुझ पर भरोसा रखिए। उन्होंने कहा, हमें समस्याएं हैं। आपको भी समस्याएं हैं। मैं हसीना दी से बात करूंगी। तीस्ता मुद्दे को हम पर छोड़ दीजिए। इसके बारे में फिक्र मत कीजिए।
ममता गुरुवार को यहां तीन दिन के दौरे पर पहुंची थीं। वर्ष 2011 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली बांग्लादेश यात्रा है। वह संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए बांग्लादेश के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत करेंगी। उन्होंने कहा कि वह बांग्लादेश की पश्चिम बंगाल से अपेक्षाओं पर काम करने के लिए उत्सुक हैं। ममता ने अपने राज्य और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक संबंध मजबूत करने के लिए कई कदम सुझाए। इनमें बंगबंधु भवन का निर्माण भी शामिल है। उन्होंने साहित्यकारों से बातचीत में कहा, राजनीतिक भूगोल ने हमें बांट दिया है लेकिन हमारी सोच में कोई बंटवारा नहीं है।
ममता ने कहा, मुझे अपनी अपेक्षाओं के बारे में बताइये। हम उचित समय पर उन पर काम करेंगे। उन्होंने कल रात ढाका पहुंचने के बाद कहा था, ऐसा लगता है कि मैं अपने ही देश में आई हूं। ममता बनर्जी कल राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और प्रधानमंत्री हसीना से मुलाकात करेंगी। ममता के यहां पहुंचने से पहले विदेश राज्यमंत्री शहरयार आलम ने संवाददाताओं से कहा था कि ढाका को विश्वास है कि उनकी यात्रा लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए सकारात्मक माहौल बनाएगी। उन्होंने यह भी कहा, वैसे कानूनन द्विपक्षीय मुद्दों का समाधान केंद्र सरकारें निकालती हैं।