स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच के वार्षिक कार्यक्रम को ‘व्हाइट हाउस’ से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन में लगभग तीन साल से जारी युद्ध के लिए तेल निर्यातक देशों का गठबंधन ओपेक जिम्मेदार है क्योंकि इसने तेल की कीमतें बहुत अधिक रखी हैं।
ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर कीमत कम हो गई तो रूस-यूक्रेन युद्ध तुरंत खत्म हो जाएगा।’’ ईंधन सामग्री की बिक्री का रूस की कमाई में बड़ा योगदान है।
ट्रंप की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने अपने देश के उस विचार की पुष्टि की जिसमें कहा गया है कि यूक्रेनी संघर्ष रूसी सुरक्षा हितों को ध्यान में रखने से पश्चिम के इनकार के कारण शुरू हुआ।
पेसकोव ने पुतिन के बयानों को दोहराया कि यूक्रेन के नाटो में शामिल होने की योजना के परिणामस्वरूप रूस की सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरे को रोकने और वहां रहने वाले रूसी भाषी लोगों की सुरक्षा के लिए उन्हें फरवरी 2022 में यूक्रेन में सेना भेजनी पड़ी थी।
यूक्रेन और पश्चिम ने मॉस्को की कार्रवाई को आक्रामकता का अकारण कृत्य बताकर निंदा की है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के शांति समझौते के लिए राजी होने संबंधी ट्रंप के दावे के बारे में पूछने पर पेसकोव ने मॉस्को के साथ किसी भी तरह की बातचीत की संभावना को खारिज करने के यूक्रेनी नेता के पहले के फैसले की ओर इशारा किया।
इसके पहले ट्रंप ने बुधवार को यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए समझौता नहीं होने पर रूस पर कठोर कर, सीमा शुल्क और प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी।