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कला-संस्कृति

तोमर की हिंदी में लिखी चिट्ठी का सांसद ने उड़िया में दिया जवाब, बताया दूसरी भाषाओं पर हमला

तोमर की हिंदी में लिखी चिट्ठी का सांसद ने उड़िया में दिया जवाब, बताया दूसरी भाषाओं पर हमला

सांसद ने कहा, “केंद्रीय मंत्री क्यों हिंदी नहीं बोलने वाले भारतीयों को हिंदी बोलने के लिए मजबूर कर रहे हैं?
साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता सौवेंद्र शेखर की किताब पर झारखंड में प्रतिबंध

साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता सौवेंद्र शेखर की किताब पर झारखंड में प्रतिबंध

झारखंड सरकार ने शुक्रवार को साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखक हंसदा सौवेंद्र शेखर की किताब 'द आदिवासी विल नॉट डांस' पर प्रतिबंध लगा दिया है।
आईसीएसएसआर प्रमुख को लगता है पाठ्य पुस्तकें जेएनयू जैसे एक्टिविस्ट बना रहीं

आईसीएसएसआर प्रमुख को लगता है पाठ्य पुस्तकें जेएनयू जैसे एक्टिविस्ट बना रहीं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘असहिष्णुता के सबसे बड़े पीड़ित’ कहने वाले बृज बिहारी कुमार तो याद ही होंगे। इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईएसएसआर) के मुखिया बृज बिहारी कुमार का कहना है कि अब पाठ्य पुस्तकें शिक्षा देने के बजाय जेएनयू जैसे एक्टिविस्ट बनाने के लिए लिखी जा रही हैं।
फिलाडेल्फियां पार्क की दीवार पर एक भारतीय कवि

फिलाडेल्फियां पार्क की दीवार पर एक भारतीय कवि

बनारस शहर का अपना मिजाज है। भोले की भांग है तो गंगा की निर्मलता भी। इस शहर के मिजाज में ही है, संस्कृति। इस शहर के लिए व्योमेश शुक्ल बहुत जाना पहचाना नाम है। रंगकर्मी, कवि, लेखक व्योमेश की टोपी में एक और पंख लगने जा रहा है। उनकी कविताएं अमेरिका के फिलाडेल्फिया के एक पार्क में बन रही दीवार पर अंकित होंगी।
जानिए कौन थे सी नारायण रेड्डी

जानिए कौन थे सी नारायण रेड्डी

कल यानी 12 जून को सी नारायण रेड्डी का निधन हो गया। ज्ञानपीठ अवार्ड प्राप्त नारायण रेड्डी जाने माने कवि थे और उन्हें तेलुगु साहित्य की दुनिया का मजबूत स्तंभ माना जाता था।
जगजीत ने छू लिया जिन गीतों को...

जगजीत ने छू लिया जिन गीतों को...

सुप्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह ने नवें दशक की कुछ फिल्मों में पत्नी चित्रा के साथ बेहतरीन संगीत दिया था। इसकी शुरुआत उन्होंने पहले ही कर दी थी, पर आठवें दशक में उनके द्वारा संगीतबद्ध और राजेंद्र सिंह बेदी द्वारा निर्देशित ‘अपनी धरती अपना देश’ प्रदर्शित नहीं हो पाई। इस फिल्म में उन्होंने रफी और साथियों के स्वर में बिस्मिल लुधियानवी का गीत 'वतन के जर्रे-जर्रे पर’ रेकॉर्ड किया था।
चंबल की जनक्रांति की याद में पचनदा में होगा जनसंसद का आयोजन

चंबल की जनक्रांति की याद में पचनदा में होगा जनसंसद का आयोजन

जंग-ए-आजादी और चंबल’ यह 1857 की जनक्रांति की स्मृति में आयोतित उस जन-समागम का शीर्षक है, जो अगले हफ्ते 25 मई को चंबल की पांच नदियों के संगम और क्रांति का ह्रदयस्थल ‌रहे पचनदा में आयोजित है। यह दिन चंबल के इतिहास में बहुत अहम है।
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