आधुनिक बांग्ला साहित्य के लब्ध प्रतिष्ठित कवि शंख घोष को वर्ष 2016 का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा। दो दशकों के बाद किसी बांग्ला लेखक को देश का सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार प्रदान किया गया है।
साहित्य अकादेमी, दिल्ली ने कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए क्रमशः दो विद्वान लेखकों—उत्तरी के लिए डॉ. आनंदप्रकाश दीक्षित और दक्षिणी के लिए नागल्ला गुरुप्रसाद राव समेत छह लेखकों को साहित्य अकादेमी भाषा सम्मान नवाजने की घोषणा की है।
साहित्य उत्सव या लिट फेस्ट अब स्कूल तक पहुंच गए हैं। अब तक इस तरह के उत्सव किसी शहर में बड़े साहित्यकारों के बीच ही होते थे। यह पहली बार है कि किसी स्कूल ने अपने यहां साहित्योत्सव आयोजित किया है।
इस वर्ष साहित्य अकादमी का प्रतिष्ठित पुरस्कार हिन्दी के लिए नासिरा शर्मा, उर्दू के लिए निज़ाम सिद्दीकी, अंग्रेजी के लिए जेरी पिंटो और संस्कृत के लिए सीतानाथ आचार्य शास्त्री सहित 24 भाषाओं के रचनाकारों को देने का आज ऐलान किया गया।
सुप्रसिद्घ सरोद वादक उस्ताद अमजदअली खान क्रिसमस की पूर्वसंध्या पर दुनिया में शांति और एकता की दुआ मांगते हुए सदाबहार क्रिसमस साइलेंट नाइट कैरोल प्रस्तुत करेंगे।
सर आइजैक न्यूटन के मशहूर गति के तीन नियमों की व्याख्या समेत उनके मौलिक काम को खुद में समाहित करने वाली एक पुस्तक को 37 लाख डॉलर की बड़ी राशि में बेचा गया है। इसके साथ ही यह किसी नीलामी में बेची गई अब तक की सबसे महंगी मुद्रित वैज्ञानिक किताब बन गई है।
कई मौकों पर कट्टपंथियों के गुस्से का सामना कर चुकीं जानी मानी बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन का मानना है कि सेंसरशिप का सबसे बुरा रूप स्व सेंसरशिप है। बांग्लादेश में लेखकों, अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं और नास्तिक ब्लाॅगरों के खिलाफ बढ़ते हमलों पर तसलीमा ने कहा कि घातक परिणामों से बचने के लिए अब कई लेखक स्व सेंसरशिप अपनाने को मजबूर हो गए हैं।
संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में पिछले नौ दशकों से ग्वालियर में आयोजित होते आ रहे तानसेन संगीत समारोह का विश्इव स्सतरीय पांच दिवसीय आयोजन इस साल यहां 16 दिसंबर से 20 दिसंबर तक किया जाएगा।
‘धर्म न केवल मनुष्य बल्कि प्राणिमात्र की एकता और सौहार्द्र की सीख देते हैं। अहिंसा और प्रेम हर धर्म के मूल में हैं। समाज का कोई भी धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता।’ सद्भावना सेवा संस्थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के तत्वावधान में हुए “सामाजिक, धार्मिक परिदृश्यः परिवर्तन और जिम्मेदारियां” विषयक सेमिनार में आए विचारों का लब्बोलुआब करीब-करीब यही था।
बॉलीवुड अदाकारा और पूर्व मिस एशिया पेसिफिक दिया मिर्जा ने अपने जन्मदिन के खास मौके पर बच्चों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने का फैसला किया है। दिया मिर्जा अब ‘सेव द चिल्ड्रन’ के लिए बतौर आर्टिस्ट अंबेसडर बन कर बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और अधिकारों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी आवाज बुलंद करेंगी।