जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले ने भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर तनाव पैदा कर दिया है। इस हमले के बाद राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक परिवार की उम्मीदों पर पानी फिर गया, जब उनके बेटे की शादी में बारात को पाकिस्तान में प्रवेश से रोक दिया गया। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए दुखद रही, बल्कि यह दोनों देशों के बीच बढ़ती खटास को भी दर्शाता है।
बाड़मेर के रहने वाले 25 वर्षीय शैतान सिंह की शादी 30 अप्रैल को पाकिस्तान के सिंध में होनी थी। महीनों की तैयारियों के बाद, बारात गुरुवार को वाघा-अटारी सीमा पर पहुंची, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें प्रवेश देने से इनकार कर दिया। इस शादी के लिए परिवार वालों ने वीजा ओर पाकिस्तान में प्रवेश संबंधित सभी सरकारी औपचारिकता को पूरा कर लिया था। लेकिन पहलगाम हमले के कारण अटारी चेक पोस्ट को बंद किया गया है। ऐसे में भारत को पाकिस्तान जाने से रोक दिया गया। निराश बारात को वापस लौटना पड़ा, जिससे परिवार और रिश्तेदारों में मायूसी छा गई।
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कई लोगों की जान गई थी, और भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराया है। इसके जवाब में भारत ने कूटनीतिक स्तर पर कड़े कदम उठाए, जिसके चलते सीमा पर तनाव बढ़ गया। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना ने दोनों देशों के बीच पहले से ही नाजुक रिश्तों को और कमजोर किया है। वाघा-अटारी सीमा पर बारात को रोके जाने की घटना भी इसी तनाव का नतीजा मानी जा रही है।
स्थानीय प्रशासन ने दूल्हे के परिवार को सहायता का आश्वासन दिया है, लेकिन शादी की नई तारीख और व्यवस्था को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। परिवार का कहना है कि उनकी बेटी का रिश्ता दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सेतु बनने की उम्मीद थी, लेकिन मौजूदा हालात ने इसे असंभव बना दिया। यह घटना भारत-पाकिस्तान के बीच विश्वास की कमी को उजागर करती है, जिसका खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं।