प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस के कौल ने न्यायमित्र के तौर पर न्यायालय की मदद कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के उस अभिवेदन पर गौर किया, जिसमें उन्होंने राघवन को एसआईटी की अध्यक्षता से मुक्त किए जाने की बात कही थी।
पीठ ने एसआईटी द्वारा अब तक किए गए काम की सराहना की और साल्वे के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही पीठ ने एसआईटी के अन्य सदस्य ए के मल्होत्रा से जांच दल का कामकाज देखने को कहा।
पीठ ने एक अन्य सदस्य के वेंकटेशम को भी एसआईटी से सेवामुक्त कर दिया और मल्होत्रा से कहा कि वह दंगों से जुड़े मामलों में हुई प्रगति की स्थिति रिपोर्ट तिमाही आधार पर शीर्ष न्यायालय के समक्ष रखते रहें।
शीर्ष न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी गोधरा के बाद हुए दंगों के नौ बड़े मामलों की जांच कर रही है। इनमें नरोदा गाम दंगे का मामला भी शामिल है, जिसमें एक समुदाय के 11 लोग मारे गए थे।
भाषा