उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों के मामलों की जांच के लिए गठित एसआईटी के प्रमुख आर के राघवन को आज इस जांच दल की अध्यक्षता से सेवामुक्त कर दिया।
भारतीय और विश्व सिनेमा ऐसा समुद्र है जिसमें जितने गोते लगाए जाएं, डूबते ही जाते हैं। हर साल पूरे विश्व में हजारों की संख्या में फिल्में बनती हैं, कुछ हिट होती है कुछ फ्लॉप और कुछ समय पर अंकित हो जाती है। कोई फिल्म फ्लॉप है इसका मतलब यह नहीं कि उसमें कुछ नहीं था। कभी-कभी फिल्में नहीं चलतीं और दर्शकों के दिल पर छाप छोड़ जाती हैं। कुछ खास फिल्मों की सूची आउटलुक के लिए लेखक और आलोचक अनुपमा चोपड़ा, लेखक और फिल्म इतिहासकार जय अर्जुन सिंह, फिल्मकार और आलोचक श्रीनिवास भाष्यम और फिल्म निर्देशक श्रीराम राघवन ने बनाई है। इन फिल्मों को जरूर देखिए। यह फिल्म सूची की पहली किस्त है। कल जानिए दूसरी किस्त में कुछ और खास फिल्में
बदलापर फिल्म से इतन तो साफ है कि भारत में आजकल फिल्में सिर्फ बनने के लिए ही बन रही है। दर्शकों के लिए उसमें कुछ तथ्य होना चाहिए इस पर सोचना शायद निर्माता-निर्देशक बंद कर चुके हैं। कुछ ट्विस्ट एंड टर्न देकर लगता है एक फिल्म में बस यही होना काफी है।