उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ के जरिए भाजपा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवता और हिंदुत्व की नए गए लॉन्चिंग करने जा रही है। यहां भाजपा 12 मई से यानी कल से विचार कुंभ शुरू करने जा रही है, जिसमें तीन दिन (14 मई) तक करीब 30 देशों के करीब 120 विद्धान शिरकत करने जा रहे हैं। इसी प्लेटफॉर्म को भाजपा हिंदुत्व और सही ढंग से जीने की पद्धति के बीच के रिश्तों को पुख्ता के लिए इस्तेमाल करने जा रही है।
इस तीन दिवसीय आयोजन के पीछे दो मकसद हैं—अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जो भाजपा की पहुंच और पूछ बढ़ी है, उसे मजबूत करना और कुटीर उद्योग से लेकर नारी शक्ति, पर्यावरण, तृषि स्वच्छता, विज्ञान और धर्म, मूल्य शिक्षा तथा धर्मा और धम्म पर पार्टी की विचारधारा को प्रसारित करना। इसके लिए लंबे समय से सोची-समझी रणनीति पर काम चल रहा था। मध्य प्रदेश में इस विचार कुंभ की पृष्ठभूमि तैयार करने के लिए चार अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किए गए। इनमें भी अंतर्राष्ट्रीय विद्धानों को बुलाया गया था।
विचार कुंभ एक तरह से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और भाजपा तथा संघ के विदेश में नेटवर्क का जमावड़ा है। इसमें 14 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिहंस्थ घोषणापत्र का ऐलान करेंगे। यह एक तरह से बड़ी समस्याओं से मुखातिब होने में भाजपा-संघे की विचारधारा को आगे बढ़ाना इस विचार कुंभ का उद्देश्य है। हिंदुत्व की विचारधारा से वृहद तौर पर सहमति जताने वाले दूसरे देशों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है, जिसमें श्रीलंका के राष्ट्रपति, मलयेशिया के मंत्री, बांग्लादेश के दो हिंदू सांसद, नेपाल के मधेशी नेता, जापान और तिब्बत के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे। इस लिहाज से इस विचार कुंभ की अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में बड़ी भूमिका होगी।