सुप्रीम कोर्ट के चार मौजूदा जजों ने शुक्रवार को मीडिया के सामने आकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की प्रशासनिक कार्यशैली पर तीखे सवाल उठाए। इस पर कई कानूनविदों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी
- ''हम उनकी (जजों) की आलोचना नहीं करते। बड़े ईमानदार व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपनी करियर की भेंट चढ़ाई है। हमें उनका सम्मान करना चाहिए। प्रधानमंत्री तय करें कि सुप्रीम कोर्ट के चारों जज, सीजेआई और पूरा कोर्ट एक राय बनाकर आगे काम करे।''
We can't criticize them, they are men of great integrity & have sacrificed a lot of their legal career, where they could've made money as senior counsels. We must respect them. PM must ensure that the 4 judges & CJI, in fact whole SC come to one opinion & proceed further: S.Swamy pic.twitter.com/dYj6MJPhkO
— ANI (@ANI) January 12, 2018
उज्ज्वल निकम
- ''यह न्यायपालिका के लिए काला दिन है। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस खराब मिसाल साबित होगी। आज के बाद हर आम नागरिक सभी न्यायिक आदेशों को संदेह के तौर पर देखेगा। हर फैसले पर लोग सवाल उठाएंगे।''
This is a black day for Judiciary. Today's press conference would cause a bad precedent. From now on every common man could look at all judicial order with suspicion. Every judgement will be questioned : Ujjwal Nikam, senior lawyer pic.twitter.com/lIPabrRNjS
— ANI (@ANI) January 12, 2018
सलमान खुर्शीद
यह बेहद दुखी करने वाला और दर्दनाक है कि शीर्ष अदालत की जमीन में इतना गंभीर तनाव कि जजों को मीडिया के सामने आकर संबोधित करना पड़ा।
Deeply sad & pained, also feel a sense of agony that highest court of land should come under such severe stress that forces judges to address the media: Salman Khurshid, senior advocate on press conference by 4 Supreme Court judges. pic.twitter.com/vtGg2JRQYJ
— ANI (@ANI) January 12, 2018
इंदिरा जयसिंह
- ''ये एक ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। बहुत अच्छी तरह से हुई। देश की जनता को यह जानने का हक है कि ज्यूडिशियरी में क्या चल रहा है। मैं इसका स्वागत करती हूं।''
I think it's a historic Press Conference. It was very well done. I think we, the people of India, have a right to know what is going on within the judiciary & I welcome this: Indira Jaising, Supreme Court advocate on PC by 4 Supreme Court judges pic.twitter.com/0Mav1DzmjI
— ANI (@ANI) January 12, 2018
जस्टिस सोढ़ी रिटायर्ड
-इनके खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए, अब इन लोगों को वहां बैठकर फैसला देने का हक नहीं बनता है। ये ट्रेड यूनियनिज्म गलत है। लोकतंत्र खतरे में है ऐसा उन्हें नहीं कहना चाहिए, हमारे यहां संसद है, कोर्ट और पूरी पुलिस प्रणाली काम कर रही है।
Issues don't matter. It is their complaint on administrative matter. They are only 4, there are 23 others. 4 get together and show the Chief Justice in a poor light. It is immature & childish behaviour: Justice R S Sodhi (retd) on press conference pic.twitter.com/jGFOtMCp4d
— ANI (@ANI) January 12, 2018
हंसराज भारद्वाज
यह संपूर्ण संस्था की प्रतिष्ठा का नुकसान है, यदि आप जनता का विश्वास खो देते हैं तो बचता क्या है? न्यायपालिका को लोकतंत्र का आधार होना चाहिए। यह कैसे कार्य करता है यह देखना कानून मंत्री की जिम्मेदारी है।
It's the loss of prestige of the entire institution. If you lose public's trust what remains? Judiciary must remain pillar of democracy. It's responsibility of Law Minister to see how it functions: Hansraj Bhardwaj, former Union Law Minister on allegations made by the 4 SC judges pic.twitter.com/kcnn9DoNX0
— ANI (@ANI) January 12, 2018