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ईद उल जुहा की पूर्व संध्या पर बाजारों में रौनक, राष्ट्रपति ने दी बधाई

देश भर में कल ईद उल जुहा (बकरीद) मनाने की तैयारी चल रही है। बाजारों और दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी कुर्बानी के इस पर्व की पूर्व संध्या पर देश के नागरिकों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि यह त्योहार समाज में सार्वभौमिक भाईचारे, शांति एवं सौहार्द को बढ़ाने के लोगों के प्रयासों को मजबूत करेगा।
ईद उल जुहा की पूर्व संध्या पर बाजारों में रौनक, राष्ट्रपति ने दी बधाई

देश भर में कल कुर्बानी का त्यौहार ईद उल जुहा मनाने की तैयारी अपने चरम पर है। बाजारों में लोगों की खासी भीड़ देखने को मिल रही है। दिल्ली के जामा मस्जिद ईलाके की रौनक देखते ही बनती है। सेवई, मेवे और लच्छों के साथ मिठाइयों की दुकानों पर भी खरीदारों की भीड़ लगी हुई है। वहीं कुर्बानी के पर्व पर कुर्बानी देने के लिए जिन लोगों ने अब तक बकरा नहीं खरीदा है वे बकरा बाजार की तरफ भाग रहे हैं। इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने संदेश में कहा, मैं ईद उल जुहा के मौके पर भारत और विदेश के सभी मुस्लिम भाई-बहनों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा, ईद उल जुहा का त्योहार विश्वास, करूणा, बलिदान और क्षमा का प्रतीक है। आइए हम इस दिन हजरत इब्राहिम द्वारा किए गए स्वार्थरहित बलिदान और मानवता की सेवा को याद करें। उन्होंने कहा, आइए हम पीड़ितों और जरूरतमंदों की पीड़ा को कम करने के प्रयास करें। कामना है कि यह त्योहार सार्वभौमिक भाईचारे, शांति एवं सौहार्द को बढ़ाने के हमारे प्रयास को बढ़ाएगा।

मंगलवार को सुबह ईद उल जुहा पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। सुबह नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग खुदा की राह में जानवरों की कुर्बानी देंगे। दिल्ली, लखनऊ, पटना, कोलकाता, भोपाल समेत देश के तमाम शहरों में मुस्लिम समुदाय के लोग इस पर्व की तैयारी में मसरूफ हैं। हालांकि देश के दक्षिण राज्य केरल में आज ही ईद उल जुहा का त्यौहार मनाया गया। मुस्लिम भाइयों ने सुबह नमाज के बाद अपने-अपने घरों पर जानवरों की कुर्बानी दी। सऊदी अरब समेत कई मुस्लिम देशों में मुस्लिम कैलेंडर के अनुसार भारत से एक दिन पहले यह त्यौहार मनाया जाता है। इस समय सऊदी अरब में दुनिया भर से हज के लिए लाखों मुस्लिम लोग पहुंचे हुए हैं। हजयात्रियों ने वहीं कुर्बानी देकर इस फर्ज को पूरा किया।

कुर्बानी का यह त्यौहार बेहद अहम माना जाता है। हजरत इब्राहिम द्वारा अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए तत्पर हो जाने की याद में इस त्योहार को मनाया जाता है। इस्लामिक मान्यता के अनुसार आज ही के दिन खुदा की तरफ से हजरत इब्राहिम को सपने में अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने का हुक्म आया था। खुदा के हुक्म के अनुसार हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे को जब यह बात बताई तो उनके बेटे सहर्ष खुदा की राह में कुर्बान होने के लिए तैयार हो गए। पर जब हजरत इब्राहिम जैसे ही अपने बेटे को कुर्बानी के लिए जिबह करने लगे वैसे ही उनके बेटे की जगह एक दुम्बा आ गया और उसकी कुर्बानी हुई। इस्लाम के विश्वास के मुताबिक अल्लाह हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने उनसे अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने के लिए कहा। इस घटना के बाद से ही इस्लाम धर्म में कुर्बानी फर्ज हो गया। इस पर्व में अपने जान के सदके में खुदा की राह में अपने पालतू जानवरों की कुर्बानी दी जाती है।

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