राष्ट्र्रीय राजधानी दिल्ली में आज प्रतिबंध के पहले दिन अधिकारियों ने विभिन्न स्थानीय मार्गों पर चल रही डीजल टैक्सियों को जब्त किया। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि कहा कि दिल्ली-एनसीआर में चलने वाली डीजल टैक्सियों को जब्त करने के लिए परिवहन विभाग सहित संबंधित प्राधिकारों को दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। दिल्ली परिवहन विभाग के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में करीब 60 हजार टैक्सियां पंजीकृत हैं और उनमें से 27 हजार डीजल से चलने वाली हैं। न्यायालय का आदेश अखिल भारतीय परमिट वाली टैक्सियों पर लागू नहीं है लेकिन अधिकतर डीजल टैक्सियां स्थानीय मार्गों पर चलती हैं। अखिल भारतीय परमिट वाली टैक्सियां गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के भीतर नहीं चलाई जा सकतीं। इस रोक से राजधानी में टैक्सियों की उपलब्धता कम होगी।
उच्चतम न्यायालय ने डीजल से चलने वाली टैक्सियों को सीएनजी में बदलने के लिए 30 अप्रैल की निर्धारित समयसीमा को कल आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था। प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में कहा, हम समय सीमा को लगातार नहीं बढ़ा सकते। अब हम इसे बढ़ा नहीं रहे हैं और न ही किसी को छूट देने जा रहे हैं। तकनीक उपलब्ध है, आप उसे बदलिए। पीठ ने इसके साथ ही उस अपील को भी ठुकरा दिया कि इससे गरीब ड्राइवरों की आजीविका प्रभावित होगी। पिछले दो महीने में करीब दो हजार डीजल टैक्सियों को सीएनजी में बदला गया है। ऐसी टैक्सियों के सड़कों से दूर हो जाने से मुसाफिरों को दिक्कतें हो सकती हैं क्योंकि कई डीजल कैब लोगों को दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव और गाजियाबाद से लाती और ले जाती हैं।