राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने मौजूदा राजनीतिक हालात में महिला नेताओं की भूमिका और महिला सशक्तीकरण के मुद्दों पर रखी है अपनी बेबाक राय
राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव की बेटी डॉ. मीसा भारती भले ही लोकसभा का चुनाव हार गई हों लेकिन राजनीतिक सक्रियता बरकरार है। मीसा जनता के बीच बेहतर संवाद बनाए हुए हैं और भविष्य के लिए रणनीति तैयार कर रही हैं। आने वाले दिनों में मीसा की राजनीतिक भूमिका क्या होगी। इसको लेकर आउटलुक के विशेष संवाददाता ने विस्तार से बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
कर्नाटक के हासन जिले में रहने वाले एस एल भैरप्पा ने भारतीय संस्कृति पर और पुराणों पर बहुत काम किया है। पर्व और आवरण जैसे चर्चित उपन्यास के लेखक भैरप्पा चाहते हैं कि भारतीय संस्कृति को जीवित रखना है तो आज ही कदम उठाने होंगे।
पठानकोट हमले के बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू होने के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की आउटलुक की इन्वेस्टिगेशन संपादक मीतू जैन ने। पेश हैं अंश:
भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित प्रतिष्ठित वैज्ञानिक सीएनआर राव का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने विजन को हकीकत में बदलने के लिए सही वैज्ञानिक सलाह की जरूरत है तथा उन्हें अब मिशन आधारित परियोजनाओं की शुरूआत करनी चाहिए।
गीत, कविता, कहानियां, गजल, निबंध हर विधा में रामदरश मिश्र ने अपनी कलम चलाई है। वह नामी साहित्यकार से पहले संवेदनशील, उदार, स्नेहशील, सहज और सहृदयी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। सन 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी पुस्तक आग की हंसी के लिए देने की घोषणा हुई है। इस मौके पर साहित्य अकादमी, दिल्ली, के सभागार रामदरश मिश्र जी ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में अपने पाठकों, प्रशंसकों से रूबरू हुए।
अर्जेंटिना सरकार के सहयोग से रवीन्द्र नाथ टैगोर पर बन रही है। इस फिल्म में रवीन्द्र नाथ टैगोर और अर्जेंटिना की प्रसिद्ध लेखिका विक्टोरिया के बीच पत्राचार और उनकी यात्रा की कहानी है। सूरज कुमार भारत के निर्माता की हैसियत से इस फिल्म से जुड़ रहे हैं।
केंद्र सरकार द्वारा नीलाम की गई दाऊद इब्राहिम की संपत्ति खरीदकर सुर्खियों में आए पूर्व पत्रकार और देश सेवा समिति के अध्यक्ष एस. बालाकृष्णन से प्राची पिंगले प्लंबर की बातचीत। पेश हैं कुछ अंश
राजनीतिज्ञ, किसान, क्रिकेट प्रशासक और लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद के दावेदार रहे शरद पवार ने अपनी आत्मकथा, ऑन माई टर्म्स: फ्रॉम द ग्रासरूट्स टू द कॉरीडोर्स ऑफ पावर(प्रकाशक: स्पिकिंग टाइगर) को जारी करते हुए अपना 75वां जन्मदिन मनाया। अपनी बीमारी के बावजूद कभी पूराने कांग्रेसी रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के इस मुखिया की जिंदादिली और फुरतीलापन बरकरार है और वह सन्यास लेने का कोई संकेत नहीं देते हैं। दिल्ली में उन्होंने बुला देवी से बातचीत की।