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लकीर बड़ी करने में विश्वास : डॉ. रमन सिंह

लकीर बड़ी करने में विश्वास : डॉ. रमन सिंह

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को 12 साल से सत्ता में बने हुए हैं और अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में दमखम से जुटे हुए हैं। राजनीतिक समीकरणों पर उनकी निगाह है। अरसे से उन्होंने विकास कार्यक्रमों को अपना कारगर हथियार बना रखा है। नक्सली हिंसा के मुकाबले के लिए भी वे जनता से सीधा संवाद और विकास योजनाओं के सूक्ष्म स्तर तक क्रियान्वयन को सटीक फार्मूला मानते हैं। पार्षद से मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले रमन सिंह को जनता की नब्ज सटीक तौर पर समझने-परखने वाला नेता माना जाता है। छत्तीसगढ़ में अभी हाल उन्होंने `लोक सुराज यात्रा' का अभियान शुरू किया है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के इलाकों के दौरे में डॉ. रमन सिंह के साथ आउटलुक के समाचार संपादक दीपक रस्तोगी ने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश :
मोदी तानाशाह शासक हैं

मोदी तानाशाह शासक हैं

नरेंद्र गिरि, सचिव निरंजनी अखाड़ा, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आउटलुक के साथ सिंहस्थ और इसके बहाने राष्ट्रीय राजनीति पर बहुत सारी बातें कीं।
दलालों की घुसपैठ बहुत भीतर तक-- वी.के सिंह

दलालों की घुसपैठ बहुत भीतर तक-- वी.के सिंह

केंद्रीय मंत्री और पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वी.के सिंह लंबे समय से हथियारों में दलाली के खिलाफ बोलते रहे हैं। उन्होंने अपनी किताब करैज एंड कनविक्शन में भी सेना, रक्षा मंत्रालय में गड़बड़ियों की ओर इशारा किया है। जब वह थल सेना अध्यक्ष थे, तब उन्होंने यह खुलासा करके सनसनी मचा दी थी कि सेना के लिए बहुचर्चित टैटरा ट्रकों की खरीद में उन्हें भी रिश्वत की पेशकश की गई थी। उनका मानना है कि जब भी इस तरह के रक्षा सौदों में दलाली का मामला सामने आता है तो उसकी जिस तरह से गहन जांच-पड़ताल होनी चाहिए वह नहीं होती, और दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिलती। इसकी वजह से यह सिलसिला जारी रहता है। अगुस्ता दलाली के मुद्दे पर आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह ने वीके. सिंह से बातचीत की, पेश हैं अंश-
सरकारों ने ही बिगाड़े हालात : राजेंद्र सिंह

सरकारों ने ही बिगाड़े हालात : राजेंद्र सिंह

जल पुरुष के नाम से विख्यात, पानी के नोबल पुरस्कार माने जाने वाले स्कॉटहोम वाटर और मैगसायसाय अवॉर्ड से नवाजे गए राजेंद्र सिंह का मानना है, देश में पानी की कमी राजनेताओं की देन है और सामुदायिक विकेंद्रीय जल प्रबंधन से हालात सुधारे जा सकते हैं। आउटलुक के साथ उन्होंने पानी की समस्या और समाधान पर बात की। पेश हैं प्रमुख अंश:
कश्मीर में हिंदू असुरक्षित- अश्विनी कुमार

कश्मीर में हिंदू असुरक्षित- अश्विनी कुमार

कश्मीर में पीडीपी और भाजपा गठबंधन की सरकार है। कश्मीर क्षेत्र से बड़ी संख्या में हिंदुओं को खदेड़ दिया गया। भाजपा सांसद तथा हिंदुत्व और संघ के प्रबल समर्थक, एक अखबार के मालिक अश्विनी कुमार की पीड़ा है कि अपने ही देश में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। कश्मीर और हिंदुत्व के मुद्दे पर आउटलुक के विशेष संवाददाता ने बात की:
कड़ाई से निपट रही हैं महबूबा: राम माधव

कड़ाई से निपट रही हैं महबूबा: राम माधव

भाजपा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे को प्रखर ढंग से लागू करने से लेकर सरहद पार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमाम भव्य आयोजनों और उनमें जुटाई जाने वाली भीड़ की जिम्मेदारी उठाने तक या यूं कहें कि मिशन इंपोसिबल को संभव करने का सेहरा नि:संदेह राम माधव के सिर पर बांधा जा सकता है। कश्मीर में साझेदारी में भाजपा की सरकार बनाने का पार्टी का और संघ का दशकों पुराना सपना मूर्त करने का काम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और संघ के प्रचारक राम माधव ने किया। कश्मीर से जुड़े तमाम पेचीदा सवालों पर राम माधव से बातचीत के अंश:
कड़ाई से निपट रही हैं महबूबाः राम माधव

कड़ाई से निपट रही हैं महबूबाः राम माधव

भाजपा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे को प्रखर ढंग से लागू करने से लेकर सरहद पार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमाम भव्य आयोजनों और उनमें जुटाई जाने वाली भीड़ की जिम्मेदारी उठाने तक या यूं कहें कि मिशन इंपोसिबल को संभव करने का सेहरा नि:संदेह राम माधव के सिर पर बांधा जा सकता है। कश्मीर में साझेदारी में भाजपा की सरकार बनाने का पार्टी का और संघ का दशकों पुराना सपना मूर्त करने का काम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और संघ के प्रचारक राम माधव ने किया। कश्मीर से जुड़े तमाम पेचीदा सवालों पर आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह की राम माधव से सीधी-सीधी बात, पेश हैं अंश:
आफ्सपा नहीं हटा तो पतन शुरू होगाः इरोम शर्मिला

आफ्सपा नहीं हटा तो पतन शुरू होगाः इरोम शर्मिला

दुनिया में सबसे लंबी भूख हड़ताल करने वाली शख्स का नाम है इरोम शर्मिला चानू। मणिपुर की यह आयरन लेडी बेहद नाजुक मिजाज और बेहद मधुर आवाज में पेड़-पौधों-पक्षियो और प्रेम के बारे में बतियाने वाली हैं। लेकिन उनके इच्छाशक्ति फौलादी है। उन्हें उनके मिशन से बड़ी से बड़ी अड़चन नहीं हिला पाई, आफ्सपा से वह तीखी नफरत करती हैं और इसके खात्मे से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है।
किसी दबाव में नहीं आउंगी : ममता

किसी दबाव में नहीं आउंगी : ममता

‘पोरिबोर्तोन’ (बदलाब) का जो नारा लेकर ममता बनर्जी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंची थीं, वही नारा अब विपक्षी वाममोर्चा और कांग्रेस के लिए धारदार हथियार बनने लगा है। ऐसे में सवाल उठता है कि वे आगे क्या लाइन लेंगी? पेश है ममता बनर्जी से दीपक रस्तोगी की कुछ समय पूर्व हुई बातचीत के प्रमुख अंश:
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