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भारत के साथ रिश्ते और मजबूत होंगे: केपी ओली

भारत के साथ रिश्ते और मजबूत होंगे: केपी ओली

नेपाल की कम्यु‍निस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी -लेनिनवादी (नेकपा-एमाले) के खडग प्रसाद शर्मा ओली को देश का नया प्रधानमंत्री चुना गया है। तिरेसठ वर्षीय ओली साल 2006 की जनक्रांति के तत्काल बाद बनी गिरिजा प्रसाद कोइराला के नेतृत्व वाली सरकार में उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री बने थे। संविधान बनने के बाद प्रधानमंत्री ओली के सामने कई चुनौतियां भी हैं। नेपाल में संविधान संशोधन को लेकर मधेशियों का आंदोलन पूरा जोर पकड़ चुका है। नए संविधान की मंजूरी से पैदा ताजा मधेशी संकट और प्रधानमंत्री बनने से कुछ दिन पहले ही आउटलुक के विशेष संवाददाता ने ओली से मुलाकात की थी। कई मुद्दों पर बातचीत हुई। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
वीरेन डंगवाल और साथ चलता कंधे का अदृश्य झोला

वीरेन डंगवाल और साथ चलता कंधे का अदृश्य झोला

हिंदी के मशहूर यारबाश कवि वीरेन डंगवाल हमारे बीच नहीं रहे। आउटलुक ने अगस्त, 2013 में दिल्ली में उनसे लंबी बातचीत का समां बांधा था। इसमें पुरानी मिठास की चाशनी के साथ सिरों को जोड़ने का जिम्मा उठाया था उनके पुराने दिनों के साथी, वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल ने। आज हम सब जब वीरेन डंगवाल के जाने से बेहद दुखी है, उन्हें शिद्दत से याद करने का सिलसिला जारी है। हम उनसे हुई इस महत्वपूर्ण बातचीत फिर से साझा कर रहे हैं। कैंसर से जूझ रहे इस जिंदादिल कवि ने कितने गहरे सरोकारों की पोटली, जीवन दर्शन, 70 के दशक की बेचैनी, युवा पीढ़ी की सृजनशीलता...और भी बहुत कुछ जो जरूरी और बिसरा हुआ है, सबको पूरे अपनी संवेदना के साथ रखा था। इस संवाद से फिर-फिर गुजरकर, हाथ कुछ मोती ही लगेंगे---भाषा
राजनीतिक अस्थिरता ने झारखंड को पीछे धकेला: रघुवर दास

राजनीतिक अस्थिरता ने झारखंड को पीछे धकेला: रघुवर दास

डेढ़ दशक पहले बने झारखंड में पहली बार गैर आदिवासी मुख्यमंत्री ने राज्य की सत्ता संभाली है। बीते वर्षों में यह राज्य घोटालों और राजनीतिक अस्थिरताओं के कारण चर्चा में रहा है। प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण यह राज्य विकास के मामले में लगातार पिछड़ता रहा। करीब नौ महीने के कार्यकाल में रघुवर दास ने राज्य के विकास के लिए कई नई योजनाओं का शुभारंभ किया। उनसे आउटलुक के विशेष संवाददाता कुमार पंकज ने सरकार की योजनाओं और विकास को लेकर विस्तार से बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:
मक्का में कभी गाय की कुर्बानी नहीं हुई: इंद्रेश कुमार

मक्का में कभी गाय की कुर्बानी नहीं हुई: इंद्रेश कुमार

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) की पहल से बने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले मेवात के फिरोजपुर झिरका में हुए एक बड़े सम्मेलन में लगभग 100 मुस्लिम गोपालकों को सम्मानित किया गया। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच आरएसएस की ओर से मुस्लिम समुदाय के बीच सामाजिक कार्यों के लिए बनाई गई एक संस्था है। इस मौके पर संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार से मुसलमानों से जुड़े ताजा मसलों पर बातचीत की गई-
यह हिंदी सम्मेलन नहीं, हिंदू सम्मेलन हैः राजेश जोशी

यह हिंदी सम्मेलन नहीं, हिंदू सम्मेलन हैः राजेश जोशी

भोपाल में चल रहे 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन में साहित्यकारों और साझी संस्कृति की अवहेलना पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। वरिष्ठ कवि सरकारी रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए, इसे हिंदी भाषा का अपमान और हिंदू सम्मेलन की संज्ञा देते है
आरक्षण देना है तो सबको दो, नहीं तो खत्म कर दोः हार्दिक

आरक्षण देना है तो सबको दो, नहीं तो खत्म कर दोः हार्दिक

वीरमगाम के मासूम से दिखने वाले 22 वर्षीय हार्दिक आरक्षण के मुद्दे पर एक ओर सरकार के निशाने पर हैं तो पिछले तीन दिनों से इन्होंने हिंदी में भाषण देकर सुर्खियां भी बटोरी हैं। अब आगे हार्दिक की क्या योजना है इस पर उन्होंने उषा चांदना से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के अंशः
मेरी ही जासूसी क्यों-अनिल विज

मेरी ही जासूसी क्यों-अनिल विज

हरियाणा में कमल वाली सरकार आने के बाद से लेकर अभी तक कोई करिश्मा नहीं हुआ। वादों की जमीन बंजर है। लेकिन एक मंत्री ऐसे हैं जिनका अपने विभाग के काम को लेकर ऐसा जुनून है कि इतनी चर्चा सरकारी योजनाओं की नहीं होती जितनी उनके ट्वीट की हो जाती है। जब से इन्होंने पदभार संभाला है तब से छापे और बर्खास्तगियां आम बात है। वह कभी अस्पताल तो कभी सचिवालय की छत पर खुद चढक़र पानी की टंकी साफ करने लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग में इनका ऐसा हौवा है कि हरियाणा में एक जुमला कहा जाने लगा है, ‘भाग नहीं तो अनिल विज आ जाएगा’। पांच दफा विधायक चुने जा चुके साफ-सुथरी छवि के विज ने न तो सरकारी मकान लिया, न टेलीफोन सुविधा। गलत निर्णयों में अपनी ही सरकार की ऐसी-तेसी करने से भी नहीं डरते।
आजादी विशेष | हमारी चेतना पर धब्बा है फांसी: युग चौधरी

आजादी विशेष | हमारी चेतना पर धब्बा है फांसी: युग चौधरी

देश में फांसी की सजा के खिलाफ अभियान चलाने वाले बॉम्बे उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं युग मोहित चौधरी। फांसी के फंदे पर झूलने वाले अभियुक्त के लिए एक अंतिम आस के तौर पर युग चौधरी का नाम आता है।
इस सरकार को ईमानदारी कतई बर्दाश्‍त नहीं: संजीव चतुर्वेदी

इस सरकार को ईमानदारी कतई बर्दाश्‍त नहीं: संजीव चतुर्वेदी

जब से रेमन मैग्सायसाय फाउंडेशन ने भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को ‘उभरते नेतृत्व’ लिए अपना प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया है, तब से उन राजनेताओं और अधिकारियों में एक अर्थपूर्ण खामोशी देखी जा रही है, जो उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार के खुलासे के कारण चतुर्वेदी के पीछे पड़े हुए थे। अगस्त 2014 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मुख्य सतर्कता अधिकारी के पद से हटाए गए चतुर्वेदी ने पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पर उन्‍हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधीकरण का दरवाजा खटखटाया था। चंडीगढ़ मे चंदर सुता डोगरा को दिए एक साक्षात्कार में 40 वर्षीय चतुर्वेदी बताते हैं कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मामले में कानून सम्मत कार्रवाई किए जाने की उनकी 'जायज उम्‍मीदें' ध्वस्त हो गईं।
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