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व्यापार की राह पर खेती

व्यापार की राह पर खेती

विकास के तमाम दावों और चकाचौंध के बीच खेती और किसानी चर्चा के पाएदान पर ही रहती है। केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां तमाम दूसरे क्षेत्रों की सघन पड़ताल हो रही है, वहीं कृषि पर तवज्जो कम रही। वह भी तब जब पिछले तीन-चार महीने से मौसम की मार की वजह से फसल बर्बाद होने और किसानों की आत्महत्या ने देश का ध्यान बरबस ही गहराते कृषि संकट की ओर खींचा था। नरेंद्र मोदी सरकार को एक साल में किसानों की आत्महत्या, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर विपक्षी दलों ने घेरने की लगातार कोशिश की और इसी पर केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इन तमाम ज्वलंत सवालों और संकट से बाहर निकलने की सरकार की रणनीति पर बिहार के मोतिहारी से पांच बार से सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश
‘सरकार की एक साल की कमाई भारत की छवि है’

‘सरकार की एक साल की कमाई भारत की छवि है’

आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की अभूतपूर्व जीत ने पूरे देश में आशा की लहर का संचार किया था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार का एक साल पूरा हो गया है। सरकार की पहली वर्षगांठ पर केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आउटलुक हिंदी से खूब खुल कर चर्चा की
सच बोलने की सजा मिली-पप्पू यादव

सच बोलने की सजा मिली-पप्पू यादव

“मधेपुरा से राजद सांसद पप्पू यादव को पार्टी ने निष्कासित कर दिया। राजद के इस फैसले से पप्पू निराश नहीं हैं बल्कि वह कहते हैं कि सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ते रहेंगे। आउटलुक से बातचीत में पप्पू का कहना है कि सच बोलने की उन्हें सजा मिली है। प्रस्ततु है बातचीत के प्रमुख अंश-
नक्‍सलियों से भिड़ेगा नया सलवा जुडूम: छवींद्र कर्मा

नक्‍सलियों से भिड़ेगा नया सलवा जुडूम: छवींद्र कर्मा

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सरकारी समर्थन से आदिवासियों का हथियारबंद संघर्ष ‘सलवा जूडूम’ भले ही सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद बंद हो गया हो मगर इस अभियान की परिकल्पना और शुरुआत करने वाले कांग्रेसी नेता दिवंगत महेंद्र कर्मा के बेटे छबिंद्र कर्मा इस अभियान को फिर शुरू करने की तैयारी में हैं।
गहरे संकट से भिड़ना होगा वाम को

गहरे संकट से भिड़ना होगा वाम को

सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी आंदोलन के एक जाने-माने चेहरा हैं। हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, बांग्ला भाषा में मजबूत पकड़ रखने के साथ एक-दो और भाषाओं के ज्ञाता है 62 वर्षीय येचुरी। मिलनसार स्वभाव वाले इस मृदुभाषी वाम नेता के कंधों पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की गहरे संकट में फंसी नाव को निकालने की जिम्मेदारी है।
अच्छे दिन धीरे-धीरे आएंगे- लार्ड स्वराज पॉल

अच्छे दिन धीरे-धीरे आएंगे- लार्ड स्वराज पॉल

प्रवासी उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से खुश हैं। ब्रिटेन के कपारो समूह के अध्यक्ष पॉल पिछले दिनों निवेश करने करने की योजनाएं लेकर भारत आए थे। इस दौरान पॉल से आउटलुक ने बातचीत की। पेंश है प्रमुख अंश-
आवाज न उठाता तो नकली पत्रकार बनताःदेवांश मेहता

आवाज न उठाता तो नकली पत्रकार बनताःदेवांश मेहता

इन दिनों सेंट स्‍टीफन कॉलेज के छात्र देवांश मेहता सुर्खियों में हैं। दर्शनशास्त्र, तृतीय वर्ष के इस छात्र ने अपनी साख, सम्मान और अपने पर लगे आरोपों को पूरे कॉलेज के सामने खारिज करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्याय मिल भी गया। देवांश अपनी जीत से काफी खुश है। उनका कहना है कि कोई कितना ही ताकतवर और ऊंची कुर्सी पर क्यों न बैठा हो, जुल्म के खिलाफ हर हाल में आवाज उठानी चाहिए। अपनी जीत के मौके पर देवांश ने आउटलुक से खास बातचीत कीः
जिसे हनुमान जी बुलाते हैं वही आते हैं

जिसे हनुमान जी बुलाते हैं वही आते हैं

शास्त्रीय गायिकी के सबसे प्रतिष्ठित संकटमोचन हनुमान मंदिर, वाराणासी में पहली बार किसी पाकिस्तानी कलाकार की आवाज गूंजी। भारतीयों के दिलों में बसने वाले यही फनकार गुलाम अली ने ऐसा समा बांधा कि देर शाम से सुबह तक उनके मुरीद मंदिर प्रांगण में उन्हें सुनने के लिए डटे रहे।
नेट न्यूट्रेलिटी ना छोड़े ट्राईः सत्पथी

नेट न्यूट्रेलिटी ना छोड़े ट्राईः सत्पथी

हाल ही में भारत में भी इंटरनेट तटस्थता पर ट्राई को पत्र लिखने वाले धनखल, ओडिशा से बीजू जनता दल के सांसद तथागत सत्पथी ने इस विषय पर आउटलुक हिंदी की फीचर संपादक आकांक्षा पारे काशिव से बात की।
‘बांसुरी मेरा पहला प्यार है’-मु्‍क्तेश चंद्र

‘बांसुरी मेरा पहला प्यार है’-मु्‍क्तेश चंद्र

दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त यातायात मुक्तेश चंद्र का नाम सुनते ही एक दबंग अंदाज, कड़क मिजाज और अनुशासन प्रिय अधिकारी की छवि उभरकर सामने आती है। लेकिन इस छवि के अलावा मुक्तेश चंद्र की पहचान एक बांसुरी वादक के रुप में भी है। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी मुक्तेश चंद्र से बांसुरी के प्रति उनके लगाव और निष्ठा को लेकर बातचीत की गई। पेश है प्रमुख अंश-
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