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बच्चों पर अच्छी फिल्म बनाने की ख्वाहिश

आरडी बर्मन पर पंचम अनमिक्सड : मुझे चलते जाना है नाम से वृत्तचित्र के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त ब्रह्मानंद एस सिंह का मन संगीत में रमता है। अभी वह प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह पर कागज की कश्ती नाम से फिल्म बना रहे हैं। बाल मजदूरों पर भी वह एक संवेदनशील फिल्म झलकी बना चुके हैं।
बच्चों पर अच्छी फिल्म बनाने की ख्वाहिश

 

आरडी बर्मन पर फिल्म बनाने का विचार कैसे आया?

आरडी बर्मन का संगीत मुझे बहुत पसंद था। मैं देखता था कि जब भी उनका जन्मदिन या पुण्यतिथि आती थी तो बस उसी दिन अखबार, पत्रिकाओं में उनके बारे में छपता था। दूसरा हमारे यहां परंपरा, संस्कृति को सहेजने की प्रवृत्ति नहीं है। जबकि विदेश में ऐसा नहीं है। मैं इसलिए भी फिल्म बनाना चाहता था कि लोग जानें कि पंचम क्या थे और उनके संगीत में क्या ताकत थी।

 

आप जगजीत सिंह पर भी एक फिल्म बना रहे हैं?

हां। कागज की कश्ती नाम से फिल्म बना रहा हूं। जगजीत मेरे एक और पसंदीदा गायकों में से एक हैं। उनकी गजल गायिकी का कोई सानी नहीं। मैं केवल उनके संगीत पर केंद्रित फिल्म नहीं बना रहा। बल्कि उनके व्यक्तित्व की भी झलक इस फिल्म में दिखाई देगी।

 

संगीतकारों से कोई खास लगाव?

लगाव तो है। संगीत मेरी रगो में है। हमारे यहां संगीत का मतलब सिर्फ गाने सुनना होता है। संगीत के बारे में जानकारी कम होती है। संगीत सुनने के साथ जानने का भी विषय है।

 

संगीत की और किस विधा पर काम करना चाहते हैं?

कव्वाली पर। कव्वाली के प्रति कम ही जिज्ञासा है। शायद यही वजह है कि इसके प्रति जानकारी बहुत नहीं है। कव्वाली किसी भी श्रोता को दूसरी दुनिया में ही ले जाती है। इसमें खोजने के लिए बहुत कुछ है।

ऐसा और कोई विषय जो आपके दिल के करीब हो?

बचपन। मैं बच्चों के लिए कुछ करना चाहता हूं। अगर किसी बच्चे का बचपन खराब बीते तो मुझे बुरा लगता है। किसी का भी बचपन खराब नहीं होना चाहिए। मैं ऐसी फिल्म बनाना चाहता हूं कि बड़ों को भी उनका बचपन लौटा दे। 

  

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