जेल सूत्रों ने सोमवार को बताया कि मौजूदा सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर तिहाड़ जेल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि उच्च जोखिम वाले वार्डों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, विशेषकर उन वार्डों पर जहां गैंगस्टर और आतंकवाद के आरोपी रहते हैं।
सूत्रों के अनुसार, बढ़ाए गए उपायों के तहत बहुस्तरीय सुरक्षा जांच, अतिरिक्त सीसीटीवी कवरेज और सख्त निगरानी प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं। एक सूत्र ने कहा, "हालिया घटनाक्रम के कारण पूर्ण सुरक्षा जांच की आवश्यकता है। सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है तथा गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कैदियों पर चौबीसों घंटे निगरानी बढ़ा दी गई है।"
तहव्वुर राणा, छोटा राजन और नीरज बवाना जैसे हाई-प्रोफाइल गैंगस्टर और आतंकवाद के आरोपी भारत के सबसे बड़े जेल परिसरों में से एक तिहाड़ जेल में बंद हैं। जेल के अंदर से अनधिकृत संचार को रोकने के लिए मोबाइल सिग्नल जैमर्स का परीक्षण और उन्नयन किया जा रहा है।
सूत्र ने कहा, "आश्चर्यजनक जांच भी तेज कर दी गई है। हम जेल मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील बैरकों में प्रतिदिन कम से कम तीन बार आकस्मिक जांच कर रहे हैं।" रात्रि के समय जेल कर्मचारियों की तैनाती बढ़ा दी गई है तथा परिसर के भीतर कैदियों की आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, जेल के भीतर खुफिया नेटवर्क सक्रिय कर दिया गया है और मुखबिरों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने का काम सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि तिहाड़ प्रशासन और बाहरी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय भी बढ़ा दिया गया है।
सूत्र ने कहा, "हम विशेष सेल और अन्य जांच शाखाओं के साथ नियमित रूप से जानकारी साझा कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई बाहरी प्रभाव जेल की सुरक्षा में सेंध न लगा सके।" उन्होंने कहा कि व्यापक समीक्षा पूरी होने तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बरकरार रहेगी। 1958 में स्थापित तिहाड़ जेल में 400 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली नौ जेलें हैं - एक जेल रोहिणी में और छह जेल मंडोली में हैं।