सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने का स्पष्ट संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि पहले भारत का हक का पानी भी देश के बाहर चला जाता था, लेकिन अब यह भारत के फायदे के लिए बहेगा और देश के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
'इंडिया@2047' शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने जोर देकर कहा कि बड़े फैसले लेने और उद्देश्यों को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देना और देश की क्षमता पर विश्वास करना महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोग अब देश को देखते हैं, तो वे गर्व से कह सकते हैं कि "लोकतंत्र काम कर सकता है", और इस बात पर जोर दिया कि सरकार जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण से सकल जन सशक्तिकरण (जीईपी) पर आधारित प्रगति की ओर बढ़ रही है।
नदियों को आपस में जोड़ने पर किए गए काम के बारे में बोलते हुए मोदी ने चुटकी ली कि पानी हाल ही में मीडिया में गहन चर्चा का विषय है। उन्होंने कहा, "पहले भारत का हक का पानी भी देश से बाहर जा रहा था। अब भारत का पानी देश के हित में बहेगा और देश के काम आएगा।"
उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तहत सिंधु जल संधि को स्थगित करने का स्पष्ट संदर्भ दिया। नए वक्फ कानून का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि कानून में सुधार की जरूरत दशकों से महसूस की जा रही थी, लेकिन वोट बैंक को संतुष्ट करने के लिए इस नेक काम को भी बदनाम किया गया।
उन्होंने कहा, "अब संशोधन किए गए हैं जो वास्तविक अर्थों में गरीब मुस्लिम माताओं और बहनों और गरीब पसमांदा मुसलमानों की मदद करेंगे।" अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इस बदलते भारत का सबसे बड़ा सपना 2047 तक 'विकसित भारत' बनना है। उन्होंने कहा, "देश में इसके लिए क्षमताएं, संसाधन और इच्छाशक्ति है।"
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिए जाने के बारे में बोलते हुए मोदी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि दो बड़ी और खुली बाजार अर्थव्यवस्थाओं के बीच यह समझौता दोनों देशों के विकास में एक नया अध्याय लिखेगा। मोदी ने कहा, "इससे भारत में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय व्यवसायों और एमएसएमई के लिए नए रास्ते और अवसर खुलेंगे।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत न केवल सुधार कर रहा है, बल्कि दुनिया के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर खुद को एक जीवंत व्यापार और वाणिज्य केंद्र भी बना रहा है। उन्होंने कहा, "बड़े फैसले लेने और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देना और देश की क्षमता पर विश्वास करना महत्वपूर्ण है।"
मोदी ने कहा, "दशकों तक देश में एक विपरीत धारा चलती रही। एक समय था जब कोई बड़ा फैसला लेने से पहले यह सोचा जाता था कि 'दुनिया क्या सोचेगी? हमें वोट मिलेंगे या नहीं?' और ऐसे कारणों से फैसले और बड़े सुधार ठंडे बस्ते में चले जाते थे।" उन्होंने कहा कि देश ऐसे आगे नहीं बढ़ता और जब फैसलों का आधार 'राष्ट्र प्रथम' होता है तो यह आगे बढ़ता है।
उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत इसी मंत्र के साथ आगे बढ़ा है और इसके परिणाम सभी के सामने हैं। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने ऐसे फैसले लिए हैं जो राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण अटके पड़े थे और जिन पर अमल नहीं हो पाया।" मोदी ने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को हटाया गया, जिससे 3.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई।