जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और पिछले सप्ताह पहलगाम में हुए आतंकी हमले समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास पर यह बैठक करीब 30 मिनट तक चली। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
बैठक का ब्यौरा देते हुए एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री के साथ जम्मू-कश्मीर से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों पर विशेष जोर दिया गया। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पहलगाम पर्यटन स्थल शहर की बैसरन घाटी में हुए जघन्य आतंकी हमले के मद्देनजर मौजूदा स्थिति के बारे में मोदी को जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा महसूस किए जा रहे गहरे दुख और आक्रोश को दोहराया। 28 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने सर्वसम्मति से इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया, जो आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने और क्षेत्र की शांति और सद्भाव की रक्षा करने की जनप्रतिनिधियों की सामूहिक इच्छा को दर्शाता है। प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को हिंसा को खारिज करने में जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच एकजुटता की गहरी भावना से अवगत कराया।
इससे पहले, अधिकारियों ने कहा कि अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री को जमीनी हालात, खासकर घातक हमले को लेकर लोगों में व्याप्त आक्रोश और हिंसा के प्रति अपनी अस्वीकृति व्यक्त करने के लिए हर गली-मोहल्ले में उनके स्वतःस्फूर्त विरोध प्रदर्शनों के बारे में जानकारी दी, जो 1989 में आतंकवाद के विस्फोट के बाद पहली बार हुआ था।
उन्होंने टट्टू सवारी संचालक सैयद आदिल हुसैन शाह के बलिदान को भी उजागर किया, जिन्होंने पर्यटकों की रक्षा करने के लिए एक साहसी प्रयास में आतंकवादियों में से एक से हथियार छीनने की कोशिश की थी। अधिकारियों ने कहा कि इस हमले के फलते-फूलते पर्यटन उद्योग और आगामी अमरनाथ यात्रा पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी चर्चा हुई।
38 दिवसीय वार्षिक अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई को दो मार्गों से शुरू होने वाली है - अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा छोटा लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग।