सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार को कक्षा 9-12 के लिए 'योग्य' शिक्षकों को रखने की अनुमति दी और नए सिरे से भर्ती करने का आदेश दिया, क्योंकि उन्होंने सीबीआई के स्कूल नौकरी घोटाले मामले के तहत 2016 से स्कूल सेवा आयोग के पूरे भर्ती पैनल को अमान्य कर दिया था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने आज यह आदेश इस विचार के साथ पारित किया कि छात्रों को नौकरी छूटने के विवाद के कारण परेशानी नहीं होनी चाहिए।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायालय ने ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों को ऐसी राहत देने से इनकार कर दिया है, जिनकी नियुक्तियां रद्द कर दी गई थीं, क्योंकि उक्त वर्गों में दागी उम्मीदवारों की संख्या काफी अधिक है।
शीर्ष अदालत ने उल्लेख किया कि यह आदेश इस शर्त पर दिया गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) कक्षा 9 और 10 तथा 11 और 12 के सहायक शिक्षकों के पदों के लिए नई भर्ती प्रक्रिया 31 दिसंबर, 2025 तक पूरी कर लेंगे। उन्होंने दोनों पक्षों को 31 मई, 2025 तक नई भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन प्रकाशित करने और हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
लाइव लॉ के अनुसार, न्यायालय ने पश्चिम बंगाल राज्य बनाम बैशाखी भट्टाचार्य मामले में दायर एक विविध आवेदन में यह आदेश पारित किया, जिसमें हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और हेरफेर के कारण 2016 की नियुक्तियों को रद्द करने को बरकरार रखा।
पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया और उनकी चयन प्रक्रिया को "दूषित और दागी" बताया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने 22 अप्रैल, 2024 को कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 7 अप्रैल को बेरोजगार शिक्षकों के साथ बैठक की और उनसे उन पर भरोसा रखने को कहा।
पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (WBBSE) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि बर्खास्त कर्मचारियों को शैक्षणिक वर्ष के अंत तक या नई भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक - जो भी पहले हो - काम पर बने रहने की अनुमति दी जाए।
राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने डब्ल्यूबीबीएसई अध्यक्ष रामानुज गांगुली की उपस्थिति में पिछले सप्ताह कहा था कि इस याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 17 अप्रैल को सुनवाई किए जाने की उम्मीद है।