भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थी, जिसमें 26 लोग की जान चली गई थी। हालांकि, इस ऑपरेशन के बाद नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी और तोपखाने के हमलों ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले निवासियों की नींद उड़ा दी है।
पाकिस्तानी सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के कुछ ही घंटों बाद एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें तीन नागरिकों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। पुंछ, राजौरी, कुपवाड़ा, उरी और अखनूर जैसे क्षेत्रों में रातभर भारी गोलाबारी की खबरें आईं। स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह तनाव पिछले दो हफ्तों से जारी है, लेकिन अब तोपखाने की गड़गड़ाहट ने स्थिति को और भयावह बना दिया है।
पुंछ के कृष्णा घाटी और राजौरी के मांकोटे इलाकों में रहने वाले लोग डर के साए में जी रहे हैं। सरकार ने सीमावर्ती गांवों से नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के आदेश दिए हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ स्थिति की समीक्षा की और बंकरों को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा श्रीनगर और जम्मू में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और श्रीनगर हवाई अड्डे पर उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। सीमावर्ती गांवों में लोग सामुदायिक बंकरों की सफाई और मरम्मत में जुट गए हैं, जो 2021 के संघर्षविराम के बाद से उपयोग में नहीं थे।संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है, लेकिन तनाव कम होने के आसार नहीं दिख रहे।