केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने रविवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि यह गरीब मुसलमानों के कल्याण के लिए बनाया गया है। मजूमदार, जो पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष भी हैं, ने दावा किया कि राज्य में वक्फ संपत्तियों को कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा लूटा जा रहा है।
मुर्शिदाबाद जिले के लालबाग में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "मुसलमानों को वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर तृणमूल कांग्रेस द्वारा गुमराह किया जा रहा है, जो गरीब मुसलमानों के कल्याण और लाभ के लिए है।" इस अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सांप्रदायिक झड़पें भी हुईं। उन्होंने कहा, "गरीब मुसलमान गरीब ही बने हुए हैं, जबकि कुछ अवैध तरीकों का सहारा लेकर अमीर बन गए हैं।"
मजूमदार ने दावा किया कि ममता बनर्जी सरकार खैरात बांटने वाली सरकार बन गई है, लेकिन यह लोगों की सुरक्षा के लिए काम नहीं कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा "मुर्शिदाबाद को दूसरा बांग्लादेश नहीं बनने देगी"। इस क्षेत्र में स्थित कर्ण सुवर्णा नामक स्थान को सातवीं शताब्दी में गौर साम्राज्य के राजा शशांक की भूमि बताते हुए मजूमदार ने कहा कि यह उस समय की बात है जब इस स्थान को बंगाल के नवाबों की भूमि के रूप में जाना जाता था। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा, "हमें इस विचार को बदलना होगा कि मुर्शिदाबाद नवाबों की भूमि है। हम इस बात से इनकार नहीं करते कि यह बंगाल सूबा के अंतिम स्वतंत्र नवाब सिराजुद्दौला की भूमि भी थी, लेकिन इससे भी बढ़कर यह राजा शशांक की भूमि थी।"
हाल ही में मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा अपना काम ठीक से नहीं किए जाने का दावा करते हुए मजूमदार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी "तुष्टिकरण की राजनीति" में लिप्त हैं। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने कहा था कि बांग्लादेश के लोगों ने मुर्शिदाबाद में हिंसा की है, लेकिन जाफराबाद में पिता-पुत्र की हत्या के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोग स्थानीय हैं।" उन्होंने कहा, "अगर पुलिस हिंदुओं को सुरक्षा नहीं दे सकती है, तो उन्हें आत्मरक्षा में हथियार रखने का अधिकार है।"
मुर्शिदाबाद जिले की स्थिति पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में 8 से 12 अप्रैल के बीच भीड़ द्वारा हिंसा की व्यापक घटनाएं हुई थीं। इसमें कहा गया है कि भीड़ के एक वर्ग ने समसेरगंज पुलिस थाने के अंतर्गत धुलियान कस्बे में कई स्थानों पर कई निजी दुकानों, मंदिरों और घरों आदि में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की तथा मुर्शिदाबाद जिले में कुछ स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को भी अवरुद्ध कर दिया।
मजूमदार ने दावा किया कि जगन्नाथ मंदिर, जिसका उद्घाटन बंगाल की खाड़ी के तट पर समुद्र तटीय शहर दीघा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा किया जाना है, का नाम "जगन्नाथ सांस्कृतिक केंद्र" है और इस तरह यह कोई मंदिर नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।