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कश्मीर से लेकर जैसलमेर और भुज तक…पाकिस्तान ने 26 जगहों पर किया ड्रोन अटैक, भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

भारत ने शुक्रवार रात श्रीनगर हवाई अड्डे सहित देश के उत्तर और पश्चिम में 26 स्थानों पर पाकिस्तान की ओर से...
कश्मीर से लेकर जैसलमेर और भुज तक…पाकिस्तान ने 26 जगहों पर किया ड्रोन अटैक, भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

भारत ने शुक्रवार रात श्रीनगर हवाई अड्डे सहित देश के उत्तर और पश्चिम में 26 स्थानों पर पाकिस्तान की ओर से किए गए ताजा ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया। साथ ही उसने इस्लामाबाद पर हवाई हमलों के लिए अपने नागरिक विमानों को “ढाल” के रूप में इस्तेमाल करने और उनकी उड़ानों को खतरे में डालने का आरोप लगाया।

पाकिस्तान ने लगातार तीसरी रात कई शहरों को निशाना बनाया। इस बार उत्तरी कश्मीर के बारामूला से लेकर गुजरात के भुज तक को निशाना बनाया गया। सरकार ने कहा कि इस्लामाबाद ने बृहस्पतिवार रात भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के अपने असफल प्रयास में लेह से लेकर सर क्रीक तक 36 स्थानों पर तुर्किए के 300 से 400 ड्रोन दागे।

सेना ने कहा, “उत्तर में बारामूला से लेकर दक्षिण में भुज तक, पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर 26 स्थानों पर ड्रोन देखे गए हैं।’ उन्होंने बताया कि हवाई अड्डों और एयरबेस सहित अन्य स्थानों पर ड्रोन हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया गया है।

ड्रोन बारामूला, श्रीनगर, अवंतीपोरा, नगरोटा, जम्मू, फिरोजपुर, पठानकोट, फाजिल्का, लालगढ़ जट्टा, जैसलमेर, बाड़मेर, भुज, कुआरबेट और लक्की नाला में देखे गए।

अधिकारियों ने कहा कि एक सशस्त्र ड्रोन ने फिरोजपुर में एक नागरिक क्षेत्र को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप एक स्थानीय परिवार के सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए।’

श्रीनगर में रक्षा अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर हवाई अड्डे और दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा एयरबेस समेत कई प्रतिष्ठानों पर ड्रोन हमलों को शुक्रवार देर रात नाकाम कर दिया गया जबकि जम्मू और दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों में धमाकों की आवाज़ सुनी गई।

 

यह कई सीमावर्ती जिलों के स्थानीय लोगों के लिए अंधेरे और भय की लगातार दूसरी रात थी, क्योंकि पाकिस्तान की ओर से हवाई खतरों को देखते ही सायरन बजने लगे, जिनका सशस्त्र बलों ने प्रभावी ढंग से मुकाबला किया।

श्रीनगर और जम्मू से लेकर पंजाब के कई जिलों और राजस्थान के जैसलमेर और जोधपुर तक, सीमावर्ती क्षेत्रों का एक बड़ा हिस्सा अंधेरे में डूब गया और सार्वजनिक उद्घोषणाएं की गईं, जिनमें लोगों से एहतियात के तौर पर अपने घरों की लाइटें बंद करने के लिये कहा गया।

जम्मू और सांबा जिलों के सुचेतगढ़ और रामगढ़ सेक्टरों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी भारी सीमा पार से गोलाबारी जारी है।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में पूजा स्थलों पर पाकिस्तान का हमला और इसका दोष भारतीय सशस्त्र बलों पर मढ़ने का उसका “बेतुका” प्रयास स्थिति को सांप्रदायिक रंग देने की इस्लामाबाद की नापाक मंशा और दुनिया को धोखा देने एवं गुमराह करने की उसकी कोशिशों को दर्शाता है।

मिसरी ने अमृतसर में एक गुरुद्वारे पर पाकिस्तान के हमले और इसका दोष भारतीय सशस्त्र बलों पर मढ़ने के उसके प्रयास का जिक्र करते हुए कहा कि इस्लामाबाद की यह सोच कि भारत खुद के शहरों पर हमला करेगा, एक तरह की “विक्षिप्त कल्पना” है, जो केवल पाकिस्तान ही कर सकता है।

इस बीच, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने कहा कि उसने बृहस्पतिवार रात जम्मू में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया, जिसमें कम से कम सात आतंकवादी मारे गए और रेंजर्स की एक चौकी नष्ट हो गई।

 

बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि घुसपैठ की इस कोशिश को धंधर चौकी पर पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से की गई गोलीबारी से समर्थन मिला।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास के इलाकों में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गई भारी गोलाबारी में दो और लोग मारे गए। इसके साथ ही हाल के दिनों में एलओसी पार से गोलाबारी के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए शीर्ष रक्षा प्रतिष्ठानों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों तथा प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) से मुलाकात कर भविष्य की रणनीति पर चर्चा की। इससे पहले दिन में उन्होंने तीनों सेनाओं के पूर्व प्रमुखों सहित भूतपूर्व अधिकारियों से बातचीत की और मौजूदा स्थिति पर उनकी प्रतिक्रिया ली।

विदेश सचिव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बृहस्पतिवार रात ड्रोन का इस्तेमाल कर भारतीय शहरों और नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने की पाकिस्तान की भड़काऊ और आक्रामक कार्रवाई की आलोचना की।

सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि ज्यादातर ड्रोन को ‘काइनेटिक’ और ‘नॉन-काइनेटिक’ तकनीक का इस्तेमाल करके गिराया गया।

यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई में तेज होने के बीच आई। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नरसंहार के जवाब में मंगलवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

दोनों सैन्य अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान ने अपने नागरिक विमानों को ‘‘ढाल’’ के रूप में इस्तेमाल किया और उसने सात मई को भारतीय प्रतिष्ठानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने के प्रयासों के दौरान अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया क्योंकि उसे अच्छी तरह से पता था कि इन हमलों का भारत की ओर से त्वरित जवाब मिलेगा।

सिंह ने कहा, ‘‘8-9 मई की रात को पाकिस्तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया और लेह से सर क्रीक तक 36 स्थानों पर 300-400 ड्रोन से सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने का प्रयास किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय बलों ने ‘काइनेटिक’ और ‘नॉन-काइनेटिक’ तकनीक का उपयोग करके कई ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया। बठिंडा पर एक सशस्त्र यूएवी हमले को भी विफल कर दिया गया।’’

सिंह ने कहा कि बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी कार्रवाई का ‘‘संभावित’’ उद्देश्य वायु रक्षा प्रणालियों की पड़ताल करना और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था। उन्होंने कहा, ‘‘ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि यह तुर्किये का असिसगार्ड सोंगर ड्रोन है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पार तोपखाने और ड्रोन हमलों को बढ़ाया, जिससे लोग हताहत हुए। चिंताजनक बात यह है कि हमले के दौरान पाकिस्तान ने अपना नागरिक हवाई क्षेत्र खुला रखा, जिससे नागरिक उड़ानें खतरे में पड़ गईं।’’

 

पाकिस्तानी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के चार वायु रक्षा स्थलों पर सशस्त्र ड्रोन से कार्रवाई की।

सिंह ने कहा, ‘‘एक ड्रोन वायु रक्षा रडार को नष्ट करने में सक्षम था।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कंधन, उरी, पुंछ, मेंढर, राजौरी, अकुर और उधमपुर में भारी क्षमता वाली तोपों और सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी की, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना के कुछ जवान घायल हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की ओर से जवाबी गोलीबारी में पाकिस्तानी सेना को भी भारी नुकसान हुआ।’’

कर्नल कुरैशी ने कहा, ‘‘इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान का गैरजिम्मेदाराना रवैया फिर से सामने आया, क्योंकि पाकिस्तान ने सात मई को एक नाकाम और बिना किसी कारण के ड्रोन और मिसाइल हमला करने के बावजूद अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान नागरिक विमानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, जबकि वह अच्छी तरह जानता है कि भारत पर उसके हमले से हवाई रक्षा के लिए त्वरित प्रतिक्रिया मिलेगी। यह नागरिक विमानों के लिए सुरक्षित नहीं है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास उड़ान भरने वाले अंतरराष्ट्रीय विमान भी शामिल हैं।’’

अधिकारी ने ‘फ्लाइटराडार24’ वेबसाइट पर विमानों की आवाजाही के स्क्रीनशॉट भी दिखाए।

उन्होंने कहा, ‘पंजाब सेक्टर में वायु रक्षा अलर्ट की उच्च स्थिति में, हमारे घोषित बंद के कारण भारतीय पक्ष का हवाई क्षेत्र नागरिक हवाई यातायात से पूरी तरह से बंद है। हालांकि, कराची और लाहौर के बीच हवाई मार्ग पर नागरिक एयरलाइंस उड़ान भर रही हैं।’

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